Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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राजप्रनीयसूत्रे
हस्तिनञ्च कुन्थोश्च सम एव जीवः । अथ नूनं भदन्त ! हस्तिनः कुन्थुः अल्पकर्मतर एव अल्पक्रियतर एव अल्पास्रवतर एव. एवम् अल्पाहारनीहारोवासनिः श्वासऋद्धिकतरः अल्पद्युतिकतर एव एवं च कुन्धुतः हस्ती महाकर्मतर एव महाक्रियतर एव यावत् महाद्युतिकतरएव ? हन्त ! प्रदेशिन् !
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कुमारश्रमण से ऐसा कहा - ( से शृणं भते ! हस्थिस्स य कुथुस्सय समे चेव जीवे) हे भदन्त ! हाथी का जीव और कुथु का जीव क्या तुल्यपरिमाण वाला है या न्यूनाधिक परिमाणवाला है? तब केशीकुमार श्रमण ने उससे कहा - (हंता, पएसी ! हथिस्स य कुथुस्स य समे चैव जीवे) हां प्रदेशिन ! हाथी का और कुथुका जीव तुल्यपरिमाणवाला है, न्यूनाधिक परिमाणवाला नहीं है । ( से णूण भरते ! हत्थीउ कुंथू अप्पकम्मतराए चेव, अपकिरियतराए चेव, अप्पासवतराए चेव) हे भदन्त ! हस्ती की अपेक्षा कुन्थु क्या अल्पकर्मवाला ही होता है ? अत्यल्प कायिकादि क्रिया वाला ही होता है ? अत्यल्प आस्रव वाला ही होता है ? ( एवं अप्पाहार नीहारउस्सासनीसासइयतराए, अप्पजुइयतराए चैव ) अल्पतर आहारवाला ही होता है ? अल्पतर नीहार वाला ही होता है ? अल्पतर उच्चास निश्वास वाला ही होता है ? अल्पतर ऋद्धिवाला ही होता है ? अल्पतर ति शरीर की कान्ति वाला ही होता है । ( एवं कुंथुओ हत्थी महाकम्मतराए चेव, महाकिरियतराए चेव जाव महज्जुइयतराए चेव) इसी प्रकार से
ब
भंते! हत्थिस्सय कुथुस्स य समे चेव जीवे) हे लहंत ! हाथीनेो કુથુના જીવ શુ તુલ્ય પરિણામ વાળા છે કે ન્યૂનાધિક પરિમાણવાળા છે ? ત્યારે કેશી कुमार नभागे तेने उह्यु-(हंता, परसो ! हत्थिस्स य कुंथुस्स य समे चेव जीवे) हां प्रहेशिन ! हाथीना भने हुंथुनो व तुझ्य परिणामवाणी छे. न्यूनाधिः परिणाभवाणो नथी. (से णूणं भंते ! हत्थिउ थुकुंथू अष्पकम्मतराए चेव, अपकिरियतराए चेव, अप्पासवतराए चेव) हे लहंत ! हाथीनी अपे ક્ષાએ શુ કુંથુ અલ્પકમ વાળું જ હોય છે ? અત્યલ્પકાયિક વગેરે ક્રિયાવાળું હોય छे ? मत्यस्य भावयुक्त होय छे ! ( एवं अप्पाहार नीहार उस्सासनीसासइडियतराए, अप्पजुइयतराए चेव ) अस्तर आहारवाणु તર નીહારવાળું જ હોય છે કે અપતર ઉચ્છવાસ નિશ્વાસ कुथुओ हत्थी महाकम्मतराचेव, महाकिरियतराए इतराए चेव ) या प्रमाणे हुंथुनी अपेक्षाओ शु हाथी
होय छे ! अथ
હાય છે! (i
શ્રી રાજપ્રશ્નીય સૂત્ર : ૦૨
યુકત
चेव जाव महज्जु महाउत्तर होय छे.