Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 14
________________ ८३२-८३९ ८४०-८६० ८६१-९६२ ९३३-९३८ ६८ जीवके कर्मका निरूपण ६९ कर्म पुद्गलके उपचयका निरूपण ७० कर्म के भेद और उनकी स्थितिका निरूपण ७१ वेदक जोवके अल्य बहुत्वका कथन चौथा उद्देशक ७२ चौथे उद्देशकके विषयों संक्षिप्त विषयविवरण ७३ जीवके सप्रदेश और अपदेशके स्वरूपका निरूपण ७४ प्रत्याख्यानादिके स्वरूपका निरूपण पांचवां उद्देशक ७५ पांचवे उद्देशकके विषयों का संक्षिप्त विवरण ७६ तमस्काय के स्वरूपका निरूपण ७७ कृष्णराजिके स्वरूपका निरूपण ७८ लोकान्तिक देवके विमान आदिका निरूपण ९३९-९४३ ९४४-१०१५ १०१६-१०३१ १०३२-१०३६ १०३७-१०७८ १०७७-११०४ ११०५-११२८ समाप्त श्री. भगवती सूत्र:४

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