Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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२३ केवली प्रणीत मनोवचनका निरूपण
२९५-३०४ २४ अनुत्तर देवसंबन्धी प्रश्नोत्तर
३०५-३१५ २५ केवलीके ज्ञानके स्वरूपका निरूपण
३१६-३१८ २६ केवलीके हस्तादि न्यासका निरूपण
३१९-३२४ २७ चौदह पूर्वधरकी शक्तिका निरूपण
३२५-३३० पांववां उद्देशक २८ पाचवे उद्देशेके विषयोका निरूपण
३३१-३३२ २९ छनस्थ के सिद्धयभाव का निरूपण
३३३-३३५ ३० एवंभूत और अनेवंभूत वेदनाके विषयमें अन्यतीर्थिकों के
मतका निरूपण ३३६-३५० ३१ कुलकर और तीर्थकर आदि के वक्तव्यताका निरूपण ३५१-३५७
छटा उद्देशक ३२ छठे उद्देशे के विषयोका विवरण
३५८-३५९ ३३ कर्म बंधके स्वरूपका निरूपण
३६०-३७३ ३४ गृहपति को भाण्ड-और अग्निकाय के स्वरूपका निरूपण ३७४-३९९ ३५ पुरुषकी धनुर्विषयक क्रियाका निरूपण
४००-४१६ ३६ अन्यमतवादियों के मतका निरूपण
४१७-४२० ३७ नैरयिकों की विकुर्वणा के विषयका निरूपण
४२१-४२४ ३८ आधाकर्मादि आहार आदि के स्वरूपका निरूपण ४२५-४३५ ३९ आचार्य और उपाध्यायका सिद्धिगमनका निरूपण ४३६-४३९ ४० मृषावादि के कर्मबन्धका निरूपण
४४०-४४४ सातवां उद्देशक ४१ सातवे उद्देशक के विषयोका विवरण
४४५-४५० ४२ परमाणु-पुद्गलके स्वरूपला निरूपण
४५१-४६२ ४३ परमाणुपुद्गल आदि के विषयमें असिधरा आदिका निरूपण ४६३-४७२ ४४ परमाणु-पुद्गलादिके विभाग का निरूपण
४७३-४८१ ४५ परमाणु-पुदलके परस्पर में स्पर्शनाका निरूपण
४८२-५०४ ४६ परमाणु-पुद्गलों आदि की स्थिति एवं अन्तरकालका निरूपण ५०५-५२८
શ્રી ભગવતી સૂત્ર: ૪