Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 05 Sthanakvasi Author(s): Ghasilal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar SamitiPage 11
________________ विषय २-६ in mo o wo १०-१२ १३-२१ २२-२८ श्री स्थानाङ्ग सूत्रके पांचवें भागकी विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क आठवां स्थान १ आठवें स्थानका विषय विवरण एकलबिहारी साधुके स्वरूपका वर्णन योनिसंग्रह और गतिआगतिका निरूपण कर्मप्रकृति के चयादिका निरूपण मायाचीके मायाके आलोचनका निरूपण मायावी साधु के स्वरूपका निरूपण अनालोचित-अप्रतिक्रान्त मायावीके उपपातकी गर्हणाका निरूपण अनालोचित-अप्रतिक्रान्त मायाचीकी आयतिकी गईणाका निरूपण आलोचित-प्रतिक्रान्त मायावीके उपपातकी प्रशंसा आलोचित-प्रतिक्रान्त मायावीकी आयतिकी प्रशंसा संवरासंवरका निरूपण आठ प्रकारकी लोकस्थितिका निरूपण आठ प्रकारकी गणिसंपदाका निरूपण महानिधिका निरूपण ईर्यासमित्यादि भावनिधिका निरूपण आलोचना देनेवाले आचार्य और लेनेवाले साधुके प्रायशित्तका निरूपण आठ प्रकारके मदस्थानोंका निरूपण आठ प्रकार के अक्रियावादियोका निरूपण २९-३१ au ३२-३५ ३६-४२ ४३-४८ ૨૨ ५०-५२ ५३-५६ ५७-६० ६१-७० ७२-८९ શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર :૦૫Page Navigation
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