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विलासवई-कहा
आख्यातिक रूपः-- (१) वर्तमानकाळ प्रथम पुरुष एकवचनमा मुखपत्वे 'मि' अने गौणताथी'उ' प्रत्यय उदा० थुणामि १. १. ३. विहां १ १८. १२
जाणामि १. १८. ११ भण २. ५. ३ करेमि १. १. ११ कर १. २१. १
कहेमि १. २. १० वह ५. २९. ८ (२) 'ए' विकरणवाळा संख्य बंध रूपोः ।
उदा० जाणेइ १. ४. ९ पलोएइ १. ८. ३ नासेमि ५. १४. ७, करेमेि १. १. ११ कहेमि १. २. १० मेलेनि १. १५. १० करेंति २. २. ७ बोलेंति १. ७. ९ चिंते. तउ १. २४. ६
(३) वर्तमानकाळ त्रीजो पुरुष बहुवचनमा 'ति' (अनुस्वार+ति) तेम ज 'हिं' प्रत्यय उदा० खेल्लंति १. ६. ९ फुट ते १. ६. ६ जाणहिं १. १३. १२ विरयहिं १. १३. १३
वोलेंति १. ७. ९ मुझंति २ ३. ५ खंचहिं २. ३. पालहिं २. ३. १५ परिच्चयंति २. ३. १२
__(४) आज्ञार्थ बीजो पुरुष एकवचनमा 'हिं' (अहि-एहि) तथा 'इ' प्रत्यय. कवचित् 'उ' तथा 'सु' प्रत्यय.
अक्खहि १. ११. २, छडूडहि १. ११. ३, लेहि १. ६. १, करहिं १. ४. ४ उठेहि १. १८. २; कार १. ११. १३, कहि १. १०. ९, लइ २. ३. १७ एव्वउ ५. ११. ३, मुच्वउ १. १६. १२; ठायसु ५. १३. ८ साहेसु ३. १९. १२, सुणसु ६. ५. १२ (५) भविष्यकाळमां 'ह' विकरणवाळा रूपोनो लगभग अभाव. 'स' कारवाला अंगोनी प्रचुरता
लहिस्सइ ४. १३. १३, होसइ १. ३. १० होइसइ.४. १७. ११ करिस्सइ ५. ११. १० लहेसइ २. १९. ३ दइस्सइ ३. २२. १ भुजिस्सहि ४. ११. १३ भविस्सइ ५. ११. १०. पेच्छिसु ५. १२. २
(६) संबंधक भूत कृदन्तमा 'एवि', 'इवि', 'अवि', 'एविणु', 'ए प्पणु', प्रत्ययो मुख्यताथी अने 'इ' अने 'इउ' गौणताथी वपरायेल छे
सुमरेवि १. १. ५ झाएवि १. १. ६. हवेवि ६. १०. ८ करेवि १. १ ९ वंदिवि १. १. ४ नमिवि १. १. १० भूसिवि १. ७. ११ पेच्छवि १. १३. २ होवि ४. २०. ४. भावेविणु १. १, ४ सुमरेप्पिणु १. १. १३ पणमेप्यिणु १. १. ३ .
देखि १. २५. १६ पेच्छि ५. ७. ३ होइउ ३. ९. ३ नामिकरूपो:
(१) पुल्लिंग-नपुंसकलिंग अकारान्त नामोनी प्रथमा-द्वितीया विभक्ति एक वचनमा मात्र 'उ' प्रत्यय मळे छे. हेमचंद्राचार्य नोंधेल 'आ' प्रत्यय नथी मळतो. उदा. मणाहरू, सगुणु, कन्वहारु, संभवु, कण्णु, कम्मजालु इत्यादि.
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