Book Title: Vilasvaikaha
Author(s): Sadharan, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
View full book text
________________
२६
सज्ज - ५.४.१७ ( सर्ज) वृक्ष - विशेष, शाल, हि ० साल, सखुआ
सत्तच्छद - १.२१.७ ( सप्तच्छद) - सादड, हिं० ० सतवन, सतौना
सत्तिवण्ण - ५.४.१४- (सप्तपर्ण ) - सादड, हिं० सतवन, सतौना
सप्फ- ५.४.१२ (दे० ) - कुमुद, कैरव समो - ५.४.१० ( शमी ) - समडी ( सौराष्ट्रमां खीजडो )
सयवत्त ५.१५.४ ( शतपत्र ) - सो पांखडीवाळु कमल सल्लई-लया-५.४.९ - ( शल्लकी - लता ) शालेडी, धूपडो
सहयार - १.१६.१५, ३.१५.१ ( सहकार ) - आंबो
सालय - ५ ४.११ ( साल+क ) - वृक्ष - विशेष
साल
अयगर - ५.२४.१४. ( अजगर ) - अजगर इंदगोव - ८.३३.८ ( इन्द्रगोप) - गोकळगाय उलुअ- ७.१४.१४ ( उलूक) - घुवड कथूरिय - कुरंग - ६.१.९ - (कस्तूरेका कुरंग ) कस्तूरी मृग
कराइया - ८.७.७ पक्षी विशेष
कलहंस - ५.१५.२,५.१५.१६ ( कलहंस) राजहंस
कारंड - ३.१५.५ ( कारण्ड ) - पक्षी - विशेष कीडिया - ६.९.१० (कीटिका ) - कीडो कुंच - ३.१५५,५१५.२ ( क्रौंचपक्षी) - क्रौंचपक्षी
कुक्कुड - ९.११.१२ ( कुक्कुट ) - कुकडो कुक्कुर - ७.१६.३ ( कुक्कुर ) -- कुतसं कुरंग - ८.७.६ ( कुरङ्ग ) - हरण कुरर - ३.१५.५,५.१५.२ ( कुरर) - कुरर के सरि- ८.१९.८,६.२८.११ ( केसरिन् ) - केसर सिंह
Jain Education International
सिंदुवार - १.२१.५,५.४.१३ (सिन्दुवार )-- निर्गुडा-वृक्ष
सिंबल सिंबलि - ५.४.२, ४१.४.५ ( शाल्मलि ) सिसव - ९.४.१० ( शिशपा ) - सीसम सिग्गु - ५ ४.५ ( शिग्रु ) - सरगवो, हिं० सहि
जना का पेड
४. पशु-पक्षी - जलचरादि
सिरीस - ५.४.१० ( शिरीष ) शिरीष, सरसडो सेंदी - ५.४.२ ( दे० ) - खजूरी
सेलु - ५, ४११ ( शैल) - इलेष्म-नाशक वृक्षविशेष
सेहाल - ५.४.११ ( शेफाल) - लता - विशेष सोंठी- ५.४.१४ ( शुण्ठ ) - पर्व - वनस्पतिविशेष, सुंठ
हरियंदण - ५.५.४,१०.२५.३० (हरिचन्दन) कुंकुम - वृक्ष, उत्तम प्रकारनं चंदन हलिह - ५.४.१३ ( हरिद्र) - दारू हळदर
कोइल - ६.१.१९ ( कोकिल ) - कोयल कोल - ५.१५.९ (कोल ) - शूकर, भुंड कोल्हूय - ८.९९.८ (दे० ) - शियाळ (कोल्हुओ- शृगाल, दे० ना० २.६५ ) को सिय- ८.७.५ कौशिक गिद्ध - ७.२६.१५ ( ग्रत्र ) - गीध खर- ८.७.५ (खर) - गवेडुं चक्काय - २.२२.६ ३.१५.५ (चक्रवाक) - चकवो
घुवड
चिल्ला- ८.७९ (दे० ) - चील, समी (दे० ना० ३. ९) जल-कर- ३.१.११- ( जल - करि ) - जळ - हाथी ज्या - १०.२५.१९ ( यूका जू तित्तिर ८७.९ ( तित्तिरि ) - ते तर तुश्य - २१२.१० ( तुरग ) -- अश्व ददुर - ८.३३.९ (दर्दुर) - देङको नउल - १०.२५.८ ( नकुल ) - नोळियो नक्कय - ५.१५.१३ (नक्र ) - मगर
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310