Book Title: Vilasvaikaha
Author(s): Sadharan, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
View full book text
________________
/*घेप्प-(ग्रह ) पकडवु,
घेप्पइ ९.५.१०वर्त ० तृ० ए० व० Vघोल-(चूर्ण)-घुमवू
घोलंत-२.१ ११ वर्त. कृ० (प्रा० व्या०
४.११७) घोलिर-९.२.४.(घूर्णतृ)-घुमतुं * चउक्क-८.२८.५ (चतुष्क)-चोक,
चौटुं (दे० ना० ३.२) चउपास-२.८.६(चतुष्पाव)-चोपास चंदण-वंदणाई- १०.४.१३ (चंदन-वन्दन)
चंदन वांदवु चंद-होर १०.२.९ (चंद्र-होरा) चंद्रनी होरा Voचंप-चांपवू दबावQ
चंपंत-६.२५.७ वर्त० कृ०
चप्पियहि-५.८.३ कर्मवर्ततृ० ब०व० *चक्कलिय- ८.१८.६ (चक्रलित)-चक्राकार
करेल चक्कहर-९.८.४ (चक्रधर)-चक्रवर्ती राजा चच्चर-७.५.७ (चत्वर)-चोतरो चच्चरी-१.६.९ (चर्चरी)-समूहगान-विशेष चच्चरी-गण-१.१४.९ (चर्चरी-गण)
गायक-टोळी चिड-(आ+रूह)-चडवू (प्रा.व्या.४.२०६)
चडावियउ-५.१३.४ प्रे. भू. कृ.
चडेवि-९.११.९ सं. भू . कृ. चडण-५.३१.५ (आरोहण)-चढाण *चडयर-२.५.१३-आडंबर, आटोप
चहुट्ट-चोंदवु (दे. ना. ३.२) चहुट्टइ-५.१७.४ वर्त. तृ. ए. व.
चहुट्टउ-२.१३.५ भू. कृ. चारहडीवाय-८.१४ ६ (चारभटीवाद)
शौर्यवृत्तिनो वाद चिंधय - ७. २७. ५, ८.९. ५ (चिह्न+ ।
क)- चिह्न (प्रा० व्या० २. ५०) चिरि चिरि सर - ८. ७. ७. ('चिरि
चिरि' स्वर) -चिरि चिरि अवाज
*चुपालय - ८. २८. ९ बेसवानी खुल्ली जग्या. हिं०-चोपाल-चोपाड. (दे० ना०
३. १७- चुप्पालअ) *चुज्ज - (चोद्य)- ७. २. ११. आश्चर्य
(दे० ना० ३. १४) *चुल्ल - (क्षुद्र)-३. २. ७ नानु, क्षुद्र । *चोक्ख - ८. ३८. २ - चोक्खं *छंछोलई - ७. २१. ८
छंछोळ- अवाज, (कंसाल' वाद्यनो अवाज) छक्क - ११. ११. १२. (षट्क)- छनो
समूह, षट्क /* छज्ज - वागवू, ( 'हुडुक्किया' नामे वाद्यनुं वागवू)
छज्जइ-७. २१. ४ वर्त० तृ० ए० व० *छज्जिआ-४. १८. ६,५.८.७ छाबडी,
पुष्प-पात्र । छड्ड – (छर्दय्, मुच् ) छोडवू
छड्डहि-१.१२.३ आज्ञा द्वि० ए० व. छड्डिज्जइ-२.१०.१३ कर्म० वर्त० तृ.
ए० व० छण-मयलंछण - ६. ३१. ९-(क्षण-मृग
लाञ्छन ) शरद पूर्णिमानो चंद्र छप्पवि - १. २१. ४ (षड् अपि ) छ
प्रकारनु छाहिंय - ५. १६. १०, ८. ६. ३ (छाया)
प्रतिबिंब *छिक्क - २. १४. ७ छींक (दे० ना.
३. ३६) *छिक्किअ - २. १४. ४ छींक खाधी,
छींक्यु *छुडु - ६. १५. २, ७. १६. ६ शीघ्र,
तरत ज (प्रा० व्या०४. ४०१) Vछुब्भ (छुप्) - स्पर्श करवो, हिं० छूना
छुब्भए - ६.१९.१० वर्त० तृ०ए० व० छुब्भहिं - ११.४.६ वर्त० तृ. ३० व० (छि - प्रा० व्या० ४. १८२)
५० व०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310