Book Title: Vidyopasna
Author(s): 
Publisher: Himmatram Yagnik

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भक्त [८] पृष्ठ पंकि अशुद्ध शुद्ध ८० १२ यक्त ८९ २-१५ लसदाडिमपाटलायै लसदाडिमपाटलायै ९५ ५ रत्नघटस्थलचरणां। रत्नघटस्थस्क्तचरणां ९५ ३ स्मिमुखी स्मितमुखी ९६ २ मार्दवोरुद्धयान्वितायै मार्दवोरद्वयान्वितायै ९७ २२ भण्डासुरसै. भण्डासुरसैनिकायै १०३ २-९ शृङ्गारस संपूर्णाय श्रृङ्गाररससंपूर्णाय १०४ १-३ मुद्भानु संतत्यै मद्धानुसंतत्यै १८५ २-२५ मणिपुराजनिलपायै मणिपूराब्जनियायै १०६ १-२२ मुग्दौदनासक्तवितायै मुग्दौदनासक्तचितायै १०७ १-२ सर्वमृत्यु निवारिय्यै सर्वमृत्युनिवारिण्यै १०७ २-७ श्री विधायै श्रीविद्यायै १०७ ८ कमलाक्षनिषेवित्यै कमलाक्षनिषेवितायै १११ २-२८ परमञ्चविभेदिन्यै परमंत्र विभेदिन्य ११२ २-१४ सर्वोपनिषदुदुष्टायै सर्वोपनिषदुघुष्टायै ११२ २-२६ कनकनकतताटङ्कायै कनत्कनकताटङ्काय ११३ १३ मुध्याय ११४ ९ अनध्यकैवल्यपददायिन्यै अनर्थ्यकैवल्यपददायिन्ये ११६ २ आवश्यकत्ते आवश्यकस्ते १२४ ८ अष्टाविद्या अष्टांगविधा १२८ ६ पीयेयं प्रियेयं १२८ १४ अंगुला अंगुली પૃષ્ઠ ૧૨૮ માંની ૧૨મી પંક્તિ પૃ. ૧૨ના ૧૯મા ની નીચે લેવી. मुग्धायै For Private and Personal Use Only

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