Book Title: Vidyopasna
Author(s): 
Publisher: Himmatram Yagnik

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Page 107
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ३ नवविद्रमबिम्ब श्री न्यक्का रदशनच्छदायै नमः । शुद्ध वद्याङ्कुराकार द्विजपंक्तिद्वयोज्ज्वलायै । ३ कपरवीटकामोदसमा कदिगन्तरायै ३ निज सल्लापमाधुर्य विभित्तिकच्छ,,। 14 ३ मन्दस्मितप्रभापूरम उजरकामेशमानसायै ३ अनाकात सादृश्य चिबुकश्रीवरा जतायै ३ कामेशबद्धमाङ्गल्यसूत्र शोभितकन्धराये ३ कनकाङ्गदकेयूरकमनी यमुजान्वितायै ३ रनमैवेयख चतलोल मुक्ताफलान्तायै ३ कामेश्वरप्रेमरत्नमणि प्रतिपणस्तन्यै ३ नाभ्यालवालरोमा लिलताफलकुचद्वयायँ ३ लक्ष्यरोमलताधारना समुन्ने मध्यमा www.kobatirth.org ३ स्तनभारदलन्मध्यपट्ट बन्धवलित्रयायै W " 14 A ." RA M " 1 " 1 1 ९६ 1 1 1 1 1 1 अरुणारुणकौसम्भवस्र भास्वत्कटीतटयै नमः रत्न कणकारम्य रशनादाम भूषताये कामेशज्ञातसौभाग्य मार्दवरुद्धयान्विताय .. माणिक्य मुकुटाकार जानुद्वयविराजिताये इन्द्रगोपक्षप्तस्मर तूणाभज का गूढगुल्फायै 静 ." M 18 " M LP W RO " " RD Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " कूम पृष्ठज यष्णुप्र पदान्वितायै नखदीधितिछन्न नमज्जनतमोगुणायै 20 .. अनवद्याङ्गयै " 10 For Private and Personal Use Only 12 20 " " 20 " M .." 10 पदद्वयप्रभाजालपराकृत सरोरुहाये " शिञ्जानमाणमञ्जीर मण्डितश्रीपदाम्बुजायै । मरालीमन्दगमनायै महालावण्य शेव 1 सर्वारुणायै .„ 1 .. 1. 10 1 1 I । सर्वाभरणभूषिता शिवका में वराङ्कस्थायै,, । शिवायै t

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