Book Title: Vidyopasna
Author(s): 
Publisher: Himmatram Yagnik

View full book text
Previous | Next

Page 118
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ३ सर्वव्याधिप्रशमन्यै नमः । सर्वमृत्युनिवारियै अग्रगण्यायै अचिन्त्यरूपायै कलिकल्मषनाशिन्यै कात्यायन्यै कालहर ये कमलाक्षनिषेवित्यै ताम्बूलपूरितमुख्यै " ** 17 #1 ** ". #9 U 3.4 2.9 " " 29 د. D 3. ". บ 18 事 د. " 43 20 U 12 दाडिमीकुसुमप्रभायै ५९० मृगाक्ष्यै मोहिन्यै मुख्यायै मृडान्यै मित्ररूपिण्यै नित्यतृप्ताये भक्तनिधये नियन्यै निखिलेश्व 2 पराशक्त्यै परानिष्ठायै प्रज्ञानघनरुपिण्यै माध्वीपानालसायै मत्तयै 1. 24 5.9 मैत्र्यादिवासनालभ्यायै ५७० | महाप्रलयसाक्षिण्यै 3.9 www.kobatirth.org 2.9 ".. १०७ ३ मातृकावर्णरूपिण्यै नमः । महाकैलासनिलयायै मृणाल मृदुदोलतायै महनीया ५८० दयामृत्यै महासाम्राज्यशालिन्यै आत्मविद्यायै महाविद्यायै. श्रीविद्यायै कामसेवितायै श्रीषोडशाक्षरीविद्यायै 20 " 99 2.4 .„ 39 22 " " 39 2.4 29 ... 2.8 " " " ... चन्द्रनिभायै भालस्थायै इन्द्रधनुः प्रभायै हृदयस्थाये रविप्रख्यायै " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " त्रिकूटायै कामकोटिकायै For Private and Personal Use Only ** :: त्रिकोणान्तरदीपिकायै दाक्षायण्यै देत्यहन्त्र्यै दक्षयज्ञविनाशिन्यै १०० दरान्दोलितदीर्घाक्ष्यै दरहासोज्ज्वलन्मुख्यै " " 24 34 कटाक्ष किंकरीभूत कमलाकोटि सेवितायै ५८०. शिरः स्थितायै ★★ 24 1.7 " 2. 20 : ".

Loading...

Page Navigation
1 ... 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141