Book Title: Vidyopasna
Author(s):
Publisher: Himmatram Yagnik
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३ सर्वव्याधिप्रशमन्यै नमः ।
सर्वमृत्युनिवारियै अग्रगण्यायै अचिन्त्यरूपायै
कलिकल्मषनाशिन्यै कात्यायन्यै
कालहर ये कमलाक्षनिषेवित्यै ताम्बूलपूरितमुख्यै
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दाडिमीकुसुमप्रभायै ५९०
मृगाक्ष्यै
मोहिन्यै
मुख्यायै
मृडान्यै
मित्ररूपिण्यै
नित्यतृप्ताये
भक्तनिधये
नियन्यै
निखिलेश्व
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पराशक्त्यै
परानिष्ठायै
प्रज्ञानघनरुपिण्यै
माध्वीपानालसायै
मत्तयै
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मैत्र्यादिवासनालभ्यायै ५७० |
महाप्रलयसाक्षिण्यै
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2.9
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१०७
३ मातृकावर्णरूपिण्यै नमः । महाकैलासनिलयायै मृणाल मृदुदोलतायै
महनीया ५८०
दयामृत्यै महासाम्राज्यशालिन्यै
आत्मविद्यायै महाविद्यायै. श्रीविद्यायै
कामसेवितायै श्रीषोडशाक्षरीविद्यायै
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चन्द्रनिभायै
भालस्थायै
इन्द्रधनुः प्रभायै
हृदयस्थाये रविप्रख्यायै
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त्रिकूटायै कामकोटिकायै
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त्रिकोणान्तरदीपिकायै दाक्षायण्यै देत्यहन्त्र्यै दक्षयज्ञविनाशिन्यै १०० दरान्दोलितदीर्घाक्ष्यै दरहासोज्ज्वलन्मुख्यै
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कटाक्ष किंकरीभूत कमलाकोटि सेवितायै ५८०.
शिरः स्थितायै
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