Book Title: Vidyopasna
Author(s): 
Publisher: Himmatram Yagnik

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Page 81
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अथ खामालामन्त्रः । अस्य श्रीखङ्गमालामन्त्रस्य, उपस्थाधिष्ठायी वरुणादित्यऋषये नमः शिरसे, गायत्रीछन्दसे नमः मुखे, ललितादेवतायै नमः हृदये. कएईलही बीजाय नमः गुह्ये, हसकहलही शक्तये नमः पादयोः, सकलहीं कीलकाय नमः नभौ, श्रीललितादेवताप्रसादसिद्धयर्थे पाठे विनियोगाय नमः सवाँगे । कूटत्रद्विरावृत्या करषडंगन्यासौ। ध्यानम् पद्मरागप्रतीकाशां त्रिनेत्रां चन्द्रशेखराम । नवरत्नलसद्भूषा भूषितापादमस्तकाम ||१|| पाशाङ्कुशौ पुष्पशरान् दधती पुण्ड्रचापकम् । पूर्णतारुण्यलावण्यतराङ्गतकलेवराम ॥ स्वसमानाकारवेषकामेशाश्लेषसुन्दराम ॥२॥ इति ध्यात्वा मानसः सम्पूज्य ।। ॐए ही श्रीं ॐ नमत्रिपुरसुन्दरि हृदयदेवि शिरोदेवि शिखादेवि कवचदेवि नेत्रदेव्यखदेवि कामेश्वर भगमालिनि नित्यक्लिन्ने भेरुण्डेवह्निबासिनि महावज्रेश्वरि शिवदूति त्वरिते कुलसुन्दरि नित्ये नीलपताके विजये सर्वमङ्गले ज्वालामालिनि चित्रे महानित्ये परमेंश्वरपरमेश्वरि मित्रीशमयि षष्ठीशमय्यड्डीशमयि चर्यानाथमयि लोपामुद्रामय्यगस्ताय कालतापनयि धर्माचार्यामयि मुक्तकेशीश्वरमयि दीपकलानाथमयि विष्नुदेवमयि प्रभाकरदेवमयि तेजोदेवमयि मनोजदेवर्माय कल्याणदेवाय रत्नदेवमयि वासुदेवाय श्रीरामानन्दमय्याणिमासिद्ध लघिमासिद्ध महिमासिद्भे ईशित्वसिद्धे वशित्वसिध्धे प्राकाम्यसिध्धे भुक्तिसिध्धे इच्छासिध्धे प्राप्तिसिध्धे सर्वकाम सिद्धे ब्राझि माहेश्वरि कौमारि वैष्णवि वाराहि माहेन्द्रि चामुण्डे महालक्ष्मी सर्वसंक्षोभिणि सर्वविविणि सर्गकर्षिणि सर्वावशङ्करि For Private and Personal Use Only

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