Book Title: Vidyopasna
Author(s): 
Publisher: Himmatram Yagnik

View full book text
Previous | Next

Page 95
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८४ ईश्वरप्रेरणकरी ईशतांडवसाक्षिणी । ईश्वरोत्संगनिलया इतिबाधाविनाशिनी ॥ १२ ॥ ईहाविरहिता ईशशक्तिरीत्स्मतानना । (ल) लकाररूपा ललिता लक्ष्मात्राणीनिषेविता || १३ || लाकिनी ललनारूपा लसद्दा डमपाटला | ललतिकालसत्फाला ललाटनयनार्चिता ॥ १४॥ लक्षणोज्ञलदिव्यांगी लक्ष कोटथंडनायिका | लक्ष्यार्था लक्षणागम्या लब्धकामा लततिनुः ||१५|| ललाम राजदलिका लंबिमुक्तातांचिता । लंबोदरप्रसूर्लभ्या लज्जाढया लयवर्जिता ॥ १६ ॥ ( ह्रीं ह्रींकाररूपा ह्रींकारनिलया ह्रींपदप्रिया । ह्रींकारबीजा ह्रींकारमंत्रा हॉकारलक्षणा ||१७ ह्रींकारजप सुप्रीता ह्रींमती होंविभूषणा । ह्रींशीला पदाराध्या हींगर्भा ह्रींपदाभिधा ॥१८॥ ह्रींकारवाच्या ह्रींकारपूज्या ह्रींकारपीठिका | ह्रींकारवेद्या होंकारचित्या ह्रीं हाँशरीरिणी ॥ १९ ॥ ॥ (ह) हकाररूपा हलधृक्पूजना हरिणक्षणा | हरप्रिया हराराध्या हरिबोंद्रवंदिता ||२०|| हयारूढासे वितहियमेधसमचिता । हर्यक्षवाहना हंसवाहना हतदानवा ॥२१॥ इत्यादिपापशमनी हरिदश्वादिसेविता । हस्ति कुंमोन्नतकुचा हस्तिकृत्तिप्रियांगना ॥२२॥ हरिद्रा कुंकुमादिग्वा हर्यश्वाद्यामरार्चिता । हरिकेशसरवो हादिविद्या हाललमदालसा ॥२३॥ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141