Book Title: Vidyopasna
Author(s): 
Publisher: Himmatram Yagnik

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शुद्धिपत्रकम् સામાન્ય વા વાયઢે સુધારી લેવી. મુખ્ય સુધારા નીચે પ્રમાણે છે. पृष्ठ पंकि अशुद्ध शुद्ध १२ २६ इति षोडशमन्त्र समष्टि इति षोडशमन्त्रसमष्टि रूपिणी याक्षुद्याष्मती विदूरह रुपिणी चक्षुष्मती विद्या सिष्टि द्विप्रद्वा मूलाधारे दृष्टिसिद्धिप्रदा मूलाधारे । सर्व सत्त्व वशं करि पछी उमेश सर्वलोक वशं करि १५ ५ पूर्वोक्ताभिरङ्गे पादुकेत्येनामि पूर्वोक्ताभिरङ्गोपाङ्गपादुके १५ ३ त्येताभिश्चतसृभिर्विद्याभि वार्ता ल्याङ्गभूता मभिसिञ्चेत् रचतसृभिर्विद्याभिपान १५ ८ वार्ताल्याभूङ्गता १६ ९ मभिचियेत् १६ १२ मृन २० ८ गृहित २०१४ ॣ ब २२ १४ अमृतामभो नाडयातरा २५ ५ २८ ४ खं पछी मेरे । २९ ५ नामौ २९ ६ द्वादशार्थे २९ २० षादहत्कु ३२ ६ ब्लू ७२ २० वजरेश्वर्ये ७३२० ब्राह्म ७३ २५ ७६ १ माहेन्दरे श्री सौभाग्याटे स्तरशतनाम स्तोत्रम् | ७६ २४ छोत्तरनाम Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मृद गृहीत लं ल अमृताम्मो नाडयान्तरा गं नाभौ द्वादशार्थे पादहृत्कु ब्लू विश्व ब्राइम्यै माहेन्द्रयै श्री सौभाग्याष्टोत शतना स्तोत्रम् । ष्टोत्तरशतनाम For Private and Personal Use Only

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