Book Title: Vajjalagga me Jivan Mulya
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 12
________________ आमार-इसी क्रम में जीवन-मूल्य से संबंधित केवल 100 गाथानों का चयन कर अनुवाद एवं व्याकरणिक विश्लेषण के साथ डॉ. कमलचन्द जी सोगाणी, प्रोफेसर, दर्शन विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर ने इसका सम्पादन किया है। अतः हम उनके प्राभारी हैं। साथ ही सुन्दर मुद्रण के लिये एम. एल. प्रिन्टर्स, जोधपुर के अधिकारी भी धन्यवाद के पात्र हैं। हम आशा करते हैं कि पाठकगण, जयवल्लभीय प्रस्तुत पुस्तक में प्रतिपादित जोवन मूल्यों को समझकर, प्राचरण कर मानवता का विकास अवश्य करेंगे। पारसमल भंसाली अध्यक्ष, नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर म. विनयसागर . निदेशक, प्राकृत भारती अकादमी जयपुर देवेन्द्रराज मेहता सचिव, प्राकृत भारती अकादमी जयपुर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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