Book Title: Vajjalagga me Jivan Mulya
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 78
________________ 51. तं (त) 2/1। कि पी (प्र) = कुछ भी। साहसं (साहस) 2/1 । साहसेण (साहस) 3/1। साहंति (साह) व 3/2 सक। साहससहावा [(साहस)-(सहाव) 1/2] | कं (ज) 2/1 स । मांविऊण (भाव) संकृ । विग्यो (दिव्व) 1/1। परंमुहो (परंमुह) 1/1 | धुणइ (धुण) व 3/1 सक । नियसीसं [(निय) वि-(सीस) 2/1] । 52. जह (म)=जैसे। जह (अ)= जैसे। न (अ) = नहीं। समप्पड (समप्पइ) व कर्म 3/1 सक अनि । विहिवसेज [(विहि)-(वस) 3/1] । विहांतकज्जपरिणामो [(विहड) वक-(कज्ज)-(परिणाम) .. 1/1] । तह (अ)=वैसे। तह (म)= वैसे। धीराण (धीर) 6/2 वि। मणे (मण) 7/1। बढइ (वड्ढ) व 3/1 अक । बिउणो (बिउण) 1/1 वि । समुच्छाओ [(सम) + (उच्छाहो)] [(सम) वि-(उच्छाह) 1/1] । 53. फलसंपत्तीइ [(फल)-(संपत्ति) 7/1] । समोणयाइ (समोणय) 1/2 वि । तुंगार (तुग) 1/2 वि। फलविपत्तीए [(फल)-(विपत्ति) 7/1] । हिययाइ (हियय) 1/2 । सुपुरिसाणं (सुपुरिस) 6/2 । महातकणं [(महा)-(तरु) 6/2] । व (प्र) = की तरह । सिहराई (सिहर) 1/21 , 54. हियए (हियम) 7/1। जाओ (जा') भूकृ 1/1। तस्येव (म)= (तत्थ + एव) = वहाँ ही। बडिमो (वड्ढ) भूकृ 1/1। नेय (प्र) = कभी नहीं। पयरियो (पयड) भूक 1/1। लोए (लो) 7/11 ववसायपायवो [(ववसाय)-(पायव) 1/1] । सुपुरिसाण (सुपुरिस) 6/21 लक्खिम्बइ (लक्ख) व कर्म 3/1 सक । फलेहिं (फल) 3/21 . 1. अकर्मक धातुओं से बने भूतकालिक कृदन्त कर्तृवाच्य में भी प्रयुक्त ___ होते हैं। 55. ववसायफलं (ववसाय) - (फल) 1/1] । विहवो (विहव) 1/1 । विहवस्स. (विहव) 6/1 । य (प्र) = और । विहलनणसमुखरणं जीवन-मूल्य ] [ 49 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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