Book Title: Vajjalagga me Jivan Mulya
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 88
________________ (पय) 7/ 1 3/2 स । सु12 वि । तेहि । 6/2 सवि । गुणुच्छाहेणं [(गुण)+(उच्छाहेणं)] [(गुण)-(उच्छाह) 3/1] । जियंति (जिय) व 3/2 अक । वंसे (वंस) 7/1 । समुप्पन्न (समुप्पन्न) भूक 1/2 अनि । 90. सम्बणसलाहणिज्ने [(सज्जण)-(सलाह) विधिक 7/1] । पयम्मि (पय) 7/1 । अप्पा (अप्प) 1/1 | न (अ) = नहीं । गाविमो (ठाव) भूकृ 1/1 । जेहिं (ज) 3/2 स । सुसमत्वा (सुसमत्थ) 1/2 वि । जे (ज) 1/2 स । परोवयारिणो (परोक्यारि) 1/2 वि । तेहि (त) 3/2 स । वि (म) = तथा । किपि (म)= कुछ भी । 91. सुसिएन (सुस) भूक 3/1। निहसिएन (निहस) भूक 3/1 | वि (प्र) = भी। तह (म)= तथा । कह वि (म)= किसी न किसी प्रकार । हु (अ) =निश्चय ही । चंबणेण (चंदण) 3/1 । महमहियं (महमह) भूक 1/1 । सरसा (सरस) 1/1 वि । कुसुममाला [(कुसुम)-(माला) .. 1/1] जह (अ)= जिससे कि । जाया (जा) भूकृ 1/1। परिमनविलक्ला [(परिमल)-(विलक्खा) 1/1 वि] । 1. यहाँ भूक भाववाच्य में प्रयुक्त हुआ है। 92. एक्को (एक्क) 1/1 वि। चिय (अ) =ही। बोसो (दोस) 1/1 । तारिसस्स (तारिस) 6/1 वि । चंदणदुमस्स [(चंदण)-(दुम) 6/1] | विहिषडिओ [(विहि)-(घड) भूक 1/1] । जीसे (जी) 6/1 स । बुद्धभुयंगा [(दुट्ठ)-(भुयंग) 1/2] । खणं (म)=क्षण के लिए। पि (अ) = भी। पासं (पास) 2/1। न (म) = नहीं। मेल्लन्ति (मेल्ल) व 3/1 सक। 1. यहाँ 'जीसे' (स्त्रीलिंग) का प्रयोग विचारणीय है पुल्लिग का प्रयोग अपेक्षित है। । 93. बहुतरावराण [(बहु) वि-(तरु)-(वर) 6/2 वि] | मझे (मज्झ) ___7/1। चंबणविग्यो [(चंदण)-(विडव) 1/1] । भुयंगबोसेल [(भुयंग) जीवन-मूल्य ] [ 59 Jain Education -nternational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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