Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ विषयानुक्रम प्रथम खण्ड पृ० 1-25 & u wo .. % प्रकरण : पहला 1. श्रमण और वैदिक परम्पराएँ तथा उनका पौर्वापर्य : श्रमण-साहित्य : वैदिक-वाङ्मय : श्रमण-साहित्य के अभिमत पर एक दृष्टि : वैदिक-वाङमय के अभिमत पर एक दृष्टि : जैन और बौद्ध : भगवान् पार्श्व : अरिष्टनेमि 2. श्रमण-संस्कृति का प्रागऐतिहासिक अस्तित्व वातरशन मुनि-वातरशन श्रमण : केशी :व्रात्य : व्रात्य-काण्ड के कुछ सूत्र : अर्हन् : असुर और अर्हत् : असुर और वैदिक आर्य : असुर और आत्म-विद्या : सांस्कृतिक विरोध : पुरातत्त्व प्रकरण : दूसरा 1. श्रमण-संस्कृति के मतवाद 2. श्रमण-परम्परा की एकसूत्रता और उसके हेतु : परम्परागत एकता : भगवान् पार्श्व और महात्मा बुद्ध : गोशालक और पूरणकश्यप . 20 - 21 26-59 त्मा बुद्ध . .. . . .