Book Title: Trinshshloki
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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir त्रिपुरुषविषयइत्यनेनकन्यानांसपिज्यमाविरुपमाभप ज्ञानांनुस्त्रीणांधिपुरुषीविज्ञायत्तन्नियासियो कमाभमनम्॥ एतच्चसधःशौचम्। अचूड़ायांतुकन्यायांसद्यःशौचविधीयतआपसंयोक्तमज्ञेयंगवाग्दा नत्तो प्रथमंचूडाकरणादनंतरअन्हाएफेनैवरिवसेनज्ञानिःश्फत् येदिनिपूर्वेणसंबंध: अहस्त्वदन स्त्रीषुरनानेनमध्येत्रिपुरुषविषयेज्ञातिराक्षौरकालादग्विाग्दाननोन्हा विभिरुपयमनाइर्तगोत्रस्वकंचा 5 . कन्यामुबालेषुनविशोधनमितिस्मरणार निभिरुपयमनादिनि वाग्दानादूर्घउपनयनाविवाहादा | भर्तगोत्रं परिणेरगोत्रस्वकंपितगोत्रंचविभिनिःशल्येनाइयंचशरिास्त्रीणामसंस्कृनानांतुन्य / / हाजुत्यंतिवांधवाः। यथोक्तेनैवकालेनशल्यतितुसनामयइतिमनूक्तावेदितच्या॥४॥ For Private And Personal Use Only

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