Book Title: Trinshshloki
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir |अकादशमनंसल्लिनि॥ ॥सर्वमिदमाशोचंयद्याशीचांनमध्यएवविदितंज्ञानं भवति तदाशेष || मात्रेणशद्धिादशाहमध्येयावत्यवशिष्टदिनानितावन्मात्रेणाधिनतुज्ञानदिनादारयेत्यर्थः एवं वादनाद्याशोचपिष्टव्यमा पोषितेकालशेषस्यादितियाज्ञवल्क्यस्मरणात्मदाहाहादाहितामोइदमा, शोचंहितामोसामिकेमृतेदाहाहान्दाहदिनसतोदशदिनकुर्यात्मनपुनमरणदिवसतः॥अन्यत्र सर्वत्वाशौचमंतर्यदिविदितमिदंशेषमात्रेणशत्थिर्दाहाहादाहिताग्नोमरण दिवसतोन्यत्रयोदशाहम्। अनाहितागोत्तमरणरिवसनः कुर्यान्ननुदाहदिवसता अनमिमतउत्क्रांतःसामे संस्कारकर्मणनिश्रवणादाहिनागोपितरिदेशीनरमृतसूत्रादीनां संस्कारासंध्यादिसर्वलोपोनास्तीत्यत्तसंधेयम्साग्नेःसंस्कारकर्मणःशतिःसंचयनंदाहान्मृता For Private And Personal Use Only

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