Book Title: Trinshshloki
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir निकी नाइनाहगार्षिकंपेनिट्सभिवावहिः॥अलंकृत्यकचोभूमावास्ड संचयनारने।नास्यकार्यामिसंस्कारो, || नापिकार्योदकत्रिया॥अरण्येकाष्ठवस्यकाशिपयस्यहमेवत॥ ॥तिमत्तवचनं। नथा। उनरिवाषि। नियोकालाविशेषादथपिनमुरवरा स्नापयित्वांपरस्त्रक गंधायेःशोभयित्वागतमथरसननेयोग्यमाज्यविलिप्य॥३॥ कंप्रेशनातं निरख नेहहिः॥ यमगायांगीयमानोयममूक्तमत्तस्मरन्निति // यस्पमरणेचमूलमित्यनस-२७ धेयम्॥२३॥ इदानींशवानयनेवर्णविशेषणहारविशेषमाह॥ ॥प्रत्यकहानि॥ // For Private And Personal Use Only

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