Book Title: Trinshshloki
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir विकी // अथरेशांतस्मृतस्यशरीराला भेटाहविधिपंचदशरत्नेनाह॥ ॥पालाशीति॥ // आहितामे सामिक | स्यास्थितिःप्रतिलतिरुत्वामनदलामेशोनकादिगृत्योतविधिनापालाशीपालाशनिर्मिनांप्रतिकातहत्वा तांचररध्वाज्ञातयोदशाहाबाशोचास्यानतइतरनणांअनाहिनामीनांपालाश्यादिपतिहतिंकवादग्ध्या 19 पालाशीमाहितामे प्रनिरुतिमथवास्थानिदग्धादशाहाया शौचाज्ञातयस्सुस्ततइतरनृणांस्त्रीण्यहान्येवर्यः / / ज्ञातयस्त्राण्यहानित्रिदिनमाशोचंकर्य-ममत्रोभयत्रमूलंबसिधवचनमबभाहितामिश्रवसनाम | 18 येनपुनःसंस्कारकत्वाशववदाशोचं अनाहितागोत्ररात्रमिनिममपिंडैर्जलसंमिश्रेर्दग्धव्यश्वनथा For Private And Personal Use Only

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