Book Title: Trinshshloki
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir शौचप्राप्तीकचिद्देशकालादिभेटेनतदपवादमाह॥ ॥शावेनीतइनिषष्ठचनेन॥ // // | शावेशावाशोचेदशाहात्प्रभृति दशाहादिकेअत्तीनेअनिकांनदशदिनानंतरंज्ञान इनियादत॥ विषयकइनियस्मिन्देशमृतिस्तत्रैवज्ञात। त्रिमासात्यानथममासत्रयत्रिरायम॥ त्रिमासानंतरम् / शावेतीतेदशाहानानिविषयकेप्राधिमासानाचरात्रंपक्षिण्याषतमासा दिनमिहनवमात्स्यात्ततःस्नानमात्र आषण्मासातषण्मासंयावदपक्षिणी पूर्वाप रदिनात्यांयुक्ताराधि रकदिनिमित्तं।आगामिवर्तमानाहर्युक्तायांनिशिपाक्षणीतिकोशात्॥ षण्मासादू यावन्नवमासपर्यंतदिनमहोरात्रम् // ततोनवमासादृर्द्धस्मानमात्रस्यादितिसंबंधः॥मासत्रये, विरास्यात्षण्मासेपक्षिणीतथा॥ अहस्कनवमादागूमानेनझभ्यतीतिहहद्धसितवचनात् / For Private And Personal Use Only

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