Book Title: Swapna Sara Samucchay
Author(s): Durgaprasad Jain
Publisher: Sutragam Prakashak Samiti

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Page 18
________________ इसीप्रकार लार्ड डफरिनने स्वप्न देखा कि वह मर गए ह और उनकी लाश कब्रिस्तान तक एक गाड़ीमें पहुंचाई जा रही है। लार्ड डफरिनने गाड़ी लेजानेवाले व्यक्तिके चेहरे को ध्यान में रक्खा । एक दिन कार्यवश वह पेरिसके एक होटल में ऊपरकी मंजिलको जानेकेलिए "लिफ्ट" पर चढ़ने लगे। अचानक उनकी दृष्टि लिफ्ट ड्राइवर के चेहरे पर गई और यह देखकर वह तुरन्त नीचे उतर गये। उतरनेका कारण यह था कि ड्राइवरका चेहरा बिलकुल स्वप्नमें देखेगये चेहरेके समान था। लिफ्ट ऊपर जाने लगी। किन्तु वह बीच में ही टूट गई और उस पर सवार सभी व्यक्ति मर गये। . पूर्वसूचनाका एक और अनोखा उदाहरण देखिये, सन् १९४२ में बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय में जोधसिंह नामक एक छात्रको एक रात अपने पिताकी मृत्युका आदेश देनेवाला स्वप्न दिखाई दिया। और उसस्वप्नके लग-भग दश घण्टे बाद जोधसिंहको अपने पिताकी मृत्यूका तार द्वारा समाचार प्राप्त हो गया। छात्रके पिताकी मृत्यु उस स्वप्न के समय ही हुई थी। वास्तविकता यह है कि जिसप्रकारका अनुभव हम अपनी जाग्रत अवस्थामें करते हैं, या सोते सयय जो कुछ विचार किया करते हैं उसीके अनुरूप हम स्वप्न भी देखा करते हैं। यों कहना चाहिये कि हमारे स्वप्न जाग्रत अवस्थाके अनुभवोंकी पुनरावृत्तिमात्र हैं। किन्तु हमारे इन स्वप्नोंकी पुनरावृत्ति स्वप्नावस्था में बिलकुल नये ढंगसे होती है। कभी-कभी हमारे कुछ स्वप्न साधारणतया बहुत ही ऊट-पटांग और अर्थहीन होते हैं । परन्तु वास्तव में वे हमारे अचेतनमनकी अनुभूत्तियोंके ही प्रतिरूप हैं।

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