Book Title: Swapna Sara Samucchay
Author(s): Durgaprasad Jain
Publisher: Sutragam Prakashak Samiti

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Page 19
________________ इसका कारण यह है कि हमारा अचेतनमन स्वप्नोंकी सृष्टि करता है इस सृष्टिके कार्यमें जाग्रत अवस्थाके अनुभव तथा अचेतनमनकी इच्छायें दोनों ही सम्मिलित होती हैं। कई बार स्वप्नों द्वारा अपराधियों तक का पता चल जाता ह। एक बार मरडाक ग्रांट नामक एक ट्रैवलिंग कनवेंसरकी लाश एक झील में मिली । यह व्यक्ति एक बड़ी रकम लेकर किसी दूसरे स्थान को जा रहा था मार्गमें उसे मार कर उसका सारा घन छीन लिया। बाद में जांच होनेपर गृहस्थ ह्य मैकलाड पर सन्देह हुप्रा । इस सम्बन्ध में उससे प्रश्न पूछे गये, किन्तु कोई ठोस प्रमाण न मिला। कुछ दिनोंके पश्चात् वहीं के एक दर्जीको मृतात्माने स्वप्न में बताया कि हत्या मैकलाड ने ही की है। तथा उसके पासके सब रुपये मैकलाड के घर में कुछ पत्थरों के नीचे दबे पड़े हैं। जांचके अनन्तर स्वप्नके दृश्यके अनुसार सारा धन पत्थरके नीचे मिल गया। बादमें मैकलाडने स्वयं अपना अपराध मान लिया। असल में स्वप्नोंका महत्व साधारण नहीं, बडा ही अद्भुत और विस्मयकारी है। अभी तक मनोवैज्ञानिक लोग स्वप्न दिखाई देने के कारणोंकी खोज नहीं कर पाए हैं कि स्वप्न में भविष्य की सूचना क्यों और कैसे मिलती है । अमेरिकाकी डयूक यूनीवर्सिटी की मनोवैज्ञानिक परीक्षणशालामें प्रोफेसर जे० बी० राइनने कई वर्षों के प्रयोगके बाद यह सिद्ध किया है कि एक व्यक्तिपर विना किसी प्रत्यक्ष माध्यम रूप से प्रत्यक्ष के प्रगट हो सकते हैं और मुहसे बोले विना अथवा विना इशारे या अन्य साधन के एक मस्तिष्कमें उठनेवाले विचार दूसरे के मस्तिष्क तक रहस्यमय ढंगसे पहुँच जाते हैं । वास्तवमें स्वप्नॊका रहस्यमय क्षेत्र इतना विस्तृत है कि

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