Book Title: Swapna Sara Samucchay
Author(s): Durgaprasad Jain
Publisher: Sutragam Prakashak Samiti

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Page 33
________________ २८ फल, पद्म, कन्या, छत्र, ध्वज और हार आदिका देखना लक्ष्मीप्राप्तिका सूचक है । हरण, प्रहरण, भूषण, मणि, मोती, सोना, चाँदी, तथा कांसी आदिके बर्तनों का स्फोट होना धनहानि सूचक है । दर्वाजा, संकल, कुडा, पागल, भोगल, हिंडोला, खडायू, घर प्रादि टूटे फूटे देखना स्त्रीमृत्यु सूचक है । जूता, छत्री और पैनी धारकी तलवार कहीं से स्वप्नमें मिले तो प्रवास की सूचना समझे । सवारीके जहाज पर चढा है या वाहन टूट गया है, पानी में डुबकियाँ खाकर पार होना देखे तो प्रवासका सूचक है, धनार्जन करके पुनः सुखसे घर लौटे। अंजन, नेत्ररोग और रोमच्छेद धनक्षय जनक हैं । भेसा, ऊँट और गर्दभ पर चढकर दक्खनमें जाना शीघ्र यमलोक प्राप्ति सूचक है। कमलाकर, रत्नाकर, पानीसे परिपूर्ण नदी तथा मित्रमरण देखना बहुत प्रायका सूचक है। काढा पीना अतिसार रोग द्वारा मरण सूचक है। यात्रा और पूर्वजोंका बहुमान करना कुलवृद्धि सूचक है । सरोवरमें कमल खिले देखे तो गलित कुष्ट होकर मरनेकी सूचना है। हाथी, घोडा, गद्दी, सिंहासन, घरके कपड़े लत्ते गुम हुये देखना राजभय सूचक है । अपने हथियार आभरण, मरिण, मोती, सुवर्ण, चाँदी और पादुका आदिका चोरी जाना धन, मान और आन, बान, नाशक है। अपनी स्त्रीका अपहरण देखना घर-सम्पदा नाशक है। अपनी स्त्रीकी किसी द्वारा दुर्दशा देखे, परिवार या गोत्रज स्त्रीका अपहरण क्लेश और परिवारके लोगों के लिये कारावास के संकटका सूचक है। अपने बिस्तर सफेद वस्त्र का गुम होना पीडा और संकट कारक है। स्वपाद भक्षी बड़ा पद पाता है। पद्मसरोवर, समुद्र, और नदीको पार करना धनलाभका सन्देश दायक है, गर्मपानी और छाछ मिलाकर पीनेका स्वप्न अतिसार द्वारा मृत्यु सूचक है

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