Book Title: Swapna Sara Samucchay
Author(s): Durgaprasad Jain
Publisher: Sutragam Prakashak Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 56
________________ ५१ मिलता है । सफेद सौंपके दहनी भुजापर डशनेसे १००० स्वर्णमुद्रा का लाभ प्राप्त करता है । पानीका साँप और बिच्छूके डंखने से विजय, पुत्र और धन पाता है । महल और पहाड़ पर चढने और समुद्रपार करनेसे राज्यगौरव का सूचक है । तालाब के कमलपत्रों में घी-दूध पीनेसे राज्यपद पाता है । बगुली, मुर्गी, बतख देखनेसे स्त्रीरत्न प्राप्त होता है । रस्सी से बंधने या हाथ बंधने से पुत्रधन मिलता है । प्रासन, बिस्तर, सवारी, शरीर, वाहन, घर आदि जलते देखकर जाग पड़े तो चारों प्रोर से लक्ष्मी बरस पड़े । चाँद और सूर्यका मंडल देखने से रोगीका रोग मिटता है, किसी अन्यको धन और गौरव मिलता है । मदिरा और रक्त पीते हुए देखे तो ब्राह्मणको विद्या और अन्य वर्ग के लोगोंको उन्नत सुख और धन मिलता है । सफेद कपड़े और सुगंधलिप्ता सुभगाके आलिंगनभावसे सम्पत् और सद्बुद्धि प्राप्त होती है। छतरी, खडायू, जूता और तलवार मिलने पर धन, बैल जुते रथके देखने से सुख, दहीके देखनेसे ज्ञान प्राप्ति, दही और दूध पीनेपर, तथा घी मिलने पर यश, घी खाने पर क्लेश, अन्तडियोंसे भूवलय लपेटने से राज्य, आदमी अपने पदका भक्षण करता देखे तो शत मुद्राका लाभ, अपनी बाहुभक्षणसे सहस्र और स्वमस्तक भक्षणसे राज्य लाभ एवं असीम सम्पत् लाभ होता है । भागदार दूध पीने, सोमरस पीने, या गेहूँ देखनेसे धन लाभ, यव देखने से दान लाभ, सफेद सरसों देखने से धनप्राप्ति, नागपत्र, कपूर और पीले फूल स्वप्न में देखे तो चारों ओर से धनकी बाढसी आा पड़े । कपास, भस्म, चावल और छाछको छोडकर और सब वस्तुनोंका स्वप्न देखना उत्तम है । गौ, हाथी, देव, ब्राह्मण, और घोड़ेको छोड़कर शेष सब काली चीजें अच्छी नहीं हैं ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100