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स्वप्नसारसमुच्चय पौरुषं वर्धते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा। कार्यसिद्धिमवाप्नोति, क्षपरणस्वप्नदर्शनात् ॥३८॥ बधबन्धमवाप्नोति, अर्थहानिस्तु निश्चितम् । लभतेऽपयशो पुंसां, क्षपरणस्वप्नदर्शनात् ॥३८॥
इति पाठान्तरम् भावार्थ-क्षपणक' से पुरुषार्थ बढ़ता है, टिकाऊ लक्ष्मी होती है, और मन चाहे कार्य ठीक होते हैं ॥३८॥
किसीका मत है कि बध-बंधन की आपत्ति भोगनी पड़ती है, धन हानि अपयश है ॥३८॥
Dream-naked, nude.
Effect-Increase in human endeavours last. ing wealth, desired aims, fulfilled. Some however interpret-slaughter, imprisonment, loss of wealth, and disgrace. पौरुषं वर्धते नित्यं, लक्ष्मीस्तु प्रविवर्धते । कार्यसिद्धिमवाप्नोति, रामलक्ष्मणदर्शनात् ॥३६॥
भावार्थ-रामलक्ष्मण से पुरुषार्थमें मन लगता है, उत्तरोत्तर लक्ष्मी बढ़ती है, बिगड़ा कार्य बनता है ।।३।।
Dream-Rama Lakshman
Effect-Aptitude to work. Increase in wealth, success in spoiled work अर्थनाशं मनस्तापं, तथा वैरिसमागमः । शोकसन्तापसम्प्राप्तिः शसकस्वप्नदर्शनात् ॥४०॥