Book Title: Swapna Sara Samucchay
Author(s): Durgaprasad Jain
Publisher: Sutragam Prakashak Samiti

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Page 26
________________ के प्रति उसी प्रकारकी भावनाकी प्रतीक होती है। एक विशेष व्यक्ति के प्रति अपना विचार बदल कर, अमैत्री भावनाके बदले मैत्री भावना लाकर हम संसारके सभी प्राणियोंके प्रति अपनी भावनाओंकों उसी प्रकार बदल देते हैं, जिस प्रकार हम उस विशेष व्यक्तिके प्रति बदलते हैं। इस प्रकारकी भावनाका मनुष्यके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। प्रतिदिन सोते समय मैत्री भावनाका अभ्यास करनेसे मनुष्यके आचरणमें मौलिक परिवर्तन हो जाता है। + परन्तु आदमी सतृष्ण अवस्थामें जब वासना और लालसा के चक्कोंके साथ घूमने लगता है तब उसे जाग्रत-अवस्थामें भी धन-स्त्री-व्यवसाय आदिके स्वप्न आते हैं। सोने की खानमें काम करनेवाले या उसके धंधेमें रचे पचे रहनेवालोंके मन उसी व्यवसायमें बसनेके कारण जागते हुए भी सोनेके ही स्वप्न पाते हैं । तथा जो हीरोंकी खानमें काम करते हैं या हीरोंकी खोजमें लगे होते हैं उन्हें हीरों के स्वप्न पाते हैं । ब्राजील में रहनेवालों को अधिकतर जागते हुए भी हीरोंके ही स्वप्न आते हैं । वे हरदम हीरोंकी टोहमें रहते हैं। कभी कभी हर्षसे खिलखिला कर हँस पड़ते हैं और कभी प्राश-निराश होनेपर शोकसे बुच जाते हैं I. T. एकल्जने अपना अनुभव इस प्रकार प्रगट किया है, थोड़ेमें पढ़िये ! हीरोंके सपनोंका देश ब्राजीलके नक्शे पर आपने "बहुमूल्य हीरोंका प्रदेश' देखा ही होगा। एक बार इस प्रेदेशमें मैं जल-यात्रा कर रहा था। पाश्चर्यसे देखा कि इस प्रदेशकी एक मटमैली नदीमें घुटने-घुटने और कमर-कमर पानीमें खड़े हजारों इंसान हीरोंका सपना देख

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