Book Title: Swapna Pradip Shakun Saroddhar
Author(s): Vardhamansuri, Manikyasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्राचीन ग्रन्थ प्रकाशन योजना (१) आ योजनामा रुपया एक हजार थी रु० २५०००) सुधीना एक-एक ग्रन्थन प्रकाशन थशे. नानी रकमो एकत्र करीने मोटा ग्रन्थो माटे उपयोग करवा माटे दातानी इच्छा हशे तो थशे. (२) आ योजना हेठल प्रकाशित थनार ग्रन्थनी किंमत रखाशे नहि, वेचाण थशे नहि. (३) आ ग्रन्थनी ५०० नकल छपाशे जेमांथी ७५ नकल पू. आचार्यदेवो आदि ने, ३५० नकल जुदा-जुदा संघो ने, २५ नकल लाभ लेनार दाता ने, २५ नकल सम्पादक ने, २५ नकल प्रकाशक संस्था ने आपवामां आवशे. भेट मोकलवाना स्थलोना वर्ग करीने बधा तेजम अमुक ग्रन्थो ते ते वर्गना स्थानोने मोकलाशे. हाथ बनावटना कागलमां पण लांबो काल टके माटे ५० नकल छपाववानु राख्यं छे. (४) जे ग्रन्थनी वधु नकलो छपाववानी जरूर जणाशे ते ग्रन्थना दाता ने जणावाशे अने जो ते लाभ लेशे तो तेने नहितर बीजाने वधु नकलोनो लाभ आपी शकाशे. (५) जेमने पोताना तरफथी प्रकाशित थता ग्रन्थोमां फोटो के टुक जीवन चरित्र छपाववं हशे तेमने ते खर्च अलग आपवानो थशे. (६) व्यवस्था खर्च तथा भेट ग्रन्थो मोकलवानी व्यवस्थानो खर्च तेनी किमत साथे गणाशे. (७) दाताए केटली रकम सुधीना ग्रन्थनो लाभ लेवो छे ते जणावq ते मुजब ग्रन्थ नाम नक्की करोने जणावाशे अने तेमनी अनुमति आव्ये ग्रन्थ ते दाता तरफथी तैयार थशे. For Private and Personal Use Only

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