Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 04
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan

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Page 31
________________ लुट् (लोटयति-ते) - 1,52. मागोटj लुप् (लोपयति-ते) - 6,52. s4j अलूलुटम् / अलूलुटाव ।अलूलुटाम / / अलूलुपम् / अलूलुपाव ।अलूलुपाम / अलुलोटम् J अलुलोटाव अलुलोटाम | अलुलोपम् / अलुलोपाव अलुलोपाम ) अलूलुटः / अलूलुटतम् ।अलूलुटत / / अलूलुपः / अलूलुपतम् / अलूलुपत / अलुलोट: J अलुलोटतम् ) अलुलोटत | अलुलोपः / अलुलोपतम् / अलुलोपत / अलूलुटत् / अलूलुटताम् ।अलूलुटन् / अलूलुपत् / अलूलुपताम् / अलूलुपन् / अलुलोटत् / अलुलोटताम् Jअलुलोटन् | अलुलोपत् J अलुलोपताम् / अलुलोपन् / लुट् (लोठयति-ते) - 1,52. प्रतिधात रवो| श्रण (विश्राणयति-ते) - 1,52. आपy अलूलुठम् / अलूलुठाव ।अलूलुठाम | अशिश्रणम् / अशिश्रणाव / अशिश्रणाम। आलुलोठम् J अलुलोठाव अलुलोठाम | अशश्राणम् / अशश्राणाव अशश्राणाम J अलूलुठः / अलूलुठतम् ।अलूलुठत / / अशिश्रण: / अशिश्रणतम् / अशिश्रणत / अलुलोठ: Jअलुलोठतम् Jअलुलोठत | अशशाण. अशश्राणतम् अशाणत , अशाशातर [Arrorअलूलुठत् / अलूलुठताम् ।अलूलुठन् / / | अशिश्रणत् / अशिश्रणताम् / अशिश्रणन् / अलुलोठत् / अलुलोठताम् / अलुलोठन् || अशश्राणत् | अशाणताम् अशश्राणन् /

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