Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 04
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
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________________ આત્મીપદ अचेषि अचेष्वहि अचेष्महि अचेष्ठा: अचेषाथाम् अचेढ्वम् अचेष्ट अचेषाताम् अचेषत छिद्-9,8.5/4j . . પરીપદ अच्छत्सम् . अच्छेत्स्व अच्छत्स्म अच्छेत्सी: अच्छेस्तम् अच्छेस्त अच्छेत्सीत् अच्छेत्ताम् अच्छत्सुः આમનપદ अच्छित्सि अच्छित्स्वहि अच्छित्स्महि अच्छित्था: अच्छित्साथाम् अच्छिद्ध्वम् अच्छिस्त अच्छित्साताम् अच्छित्सत ज्ञा-८, मा. meij अज्ञासि अज्ञास्वहि अज्ञास्महि अज्ञास्थाः अज्ञासायाम् अज्ञाध्वम् अज्ञास्त . अज्ञासाताम् अज्ञासत 108 तक्ष्- 1,52. छोj अताक्षम् - अताक्ष्य अताक्ष्म अताक्षी: अताष्टम् अताष्ट अताक्षित् अताष्टाम् अताक्षुः तप्- 1,52. तपy अताप्सम् अताप्स्व अताप्स्म अताप्सी: अताप्तम् अताप्त अताप्सीत् अताप्ताम् अताप्सुः तप्- ४,मा. पराभी होवू अतप्सि अतप्स्वहि अतप्स्महि अतप्था: अतप्साथाम् अतब्ध्वम् अतप्त अतप्ताताम् अतप्तत तृप् - 4, 52. मुश थj अतासम् / अतापर्व / अताम॑ / अन्नाप्स अत्राप्स्व अत्राप्स्म golu singa ung raah More

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