Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 04
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan

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Page 55
________________ क्षम् - 4, मा. क्षमा रवी क्षु - 2,52. मवान 5रवो अक्षमिषि अक्षमिष्वहि अक्षमिष्महि | अक्षाविषम् अक्षाविष्व अक्षाविष्म अक्षमिष्ठाः अक्षमिषाथाम् अक्षमिढ्वम् / / अक्षावी: अक्षाविष्टम् अक्षाविष्ट अक्षमिध्वम् अक्षावीत् अक्षाविष्टॉम् अक्षाविषुः अक्षमिष्ट अक्षमिषाताम् अक्षमिषत __गद् - 1, 52. जोस क्षिण - 8,8. क्षी। इej अगदिषम् / अगदिष्व। अगदिष्म / પરસ્મપદ अगादिशम् J अगादिष्व अगादिष्म) अक्षेणिषम् अक्षेणिष्व अक्षेणिष्म अगदी : / अगदिष्टम् / अगदिष्ट / अक्षेणी: अक्षेणिष्टम् अक्षेणिष्ट | अगादी: / अगादिष्टम् / अगादिष्ट ) अक्षेणीत अक्षेणिष्टाम् अक्षेणिषु: | अगदीत् / अगदिष्टाम् / अगदिषुः / આત્મને પદ | अगादीत् / अगादिष्टाम् / अगादिषुः / अक्षेणिषि अक्षेणिष्वहि अक्षेणिष्महि | गाह् - 1, मा. विलोssej अक्षेणिष्ठा: 1 अक्षेणिषाथाम् अक्षेणिध्वम् / अक्षिथा: अक्षेणिढ्वम् || |अगाहिषि अगाहिष्वहि अगाहिष्महि अक्षेणिष्ट / अक्षेणिषाताम् अक्षेणिषत "अगाहिष्ठाः अगाहिषाथाम् अगाहिध्वम् अक्षित / अगाहिष्ट अगाहिषाताम् अगाहिषत ....-...-...-...-...- ARMADADARAD C-AAPARDA A S 454 KOKसुनाथ संपतधातुपावली नाग-४NACKSONK: VAAAAAAAAAAAY AMAYAVAVAI A .

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