Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 04
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
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________________ अश्- 5, मा. भेmaj आक्षि आक्ष्वहि आक्ष्महि आष्टा: आक्षाथाम् आङ् ढ्वम् आष्ट आक्षाताम् आक्षत . अधि+इ- 2, 8. પરસ્મપદ अध्यगीषि अध्यगीष्वहि अध्यगीमहि अध्यगीष्ठाः अध्यगीषाथाम् अध्यगीढ्वम् अध्यगीष्ट अध्यगीषाताम अध्यगीषत આત્માનપદ अध्यैषि अध्यैष्वहि अध्यैष्महि अध्यैष्ठाः अध्यैषाथाम् अध्यैढ्वम् अध्यष्ट अध्यैषाताम् अध्यैषत कृ- 8, 8. sej પરસ્મીપદ अकार्षम अकार्ब अकार्म अकार्षीः अकाष्टम् अकाट अकार्षात् अकाष्टोम् अकार्षः આત્મપદ अवृषि अवृष्वहि अवृष्महि अवृथाः अवृषाथाम् अवृढ्वम् अवृत अवृषाताम् अवृषत कृष-६,6.asp પરસ્મપદ अक्राक्षम्। अक्राक्ष्वा अक्राक्ष्म / अकार्भम् / अकार्श्व अकार्म / अक्राक्षी: / अक्राष्टम् / अक्राष्ट / अकार्की / अकाष्टम् / अकाट / अक्राक्षीत् / अक्राष्टाम् / अक्राक्षुः। अकार्षीत् | अकार्टाम् / अकाद्दुः / આત્મપદ अकृक्षि अकृक्ष्वहि अकृक्ष्महि अकृष्ठा: अकृक्षाथाम् अकृड्ढ्वम् अकृष्ट अकृक्षाताम् अकृक्षत - 30) Toli संस्कृत धातु पावती -

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