Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 04
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan

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Page 45
________________ अरेक्ष्म अराक्षी अराङ्क्तम् अराङ्क्त अरैक्षी: अरैक्तम अरैक्त अराङ्क्षीत् अराङ्क्ताम् अराक्षुः अरैक्षीत् अरैक्ताम् अरैक्षुः આત્મપદ रिच - 9,6.रेय लागवो अरक्षि अरझ्वहि अरङ्क्ष्महि પરર્મપદ अरफ्थाः अरक्षाथाम् अरध्वम् अक्षम् अरेक्ष्व अरक्त अरक्षाताम् अरङ्क्षत अरैक्षी: अरैक्तम् अरैक्त रभ् - 1, मा. मारंभ ऽरवो अरैक्षीत् अरैक्ताम् अरैक्षुः अरप्सि अरप्स्वहि अरप्स्महि આત્મપદ अरब्धाः अरप्साथाम् अरब्ध्वम् अरिक्षि अरिक्ष्वहि अरिक्ष्महि अरब्ध अरप्साताम् अरप्सत अरिक्था: अरिक्षाथाम् अरिग्ध्वम् रम् - 1, मा. रम अरिक्त अरिक्षाताम् अरिक्षत अरन्सि अरन्स्वहि अरन्स्महि बन्ध- ६,५२.जांध अरन्स्था : अरन्साथाम् अरन्ध्वम् अभान्त्सम् अभान्स्व अभान्त्स्म अरन्स्त अरन्साताम् अरन्सत अभान्त्सी: अबान्धम् अबान्द्ध रिच् - 1,52. रेय लामो अभान्त्सीत अबान्द्धाम् अभान्त्सुः अक्षम् अरैश्व अरैक्ष्म oilu ieda ulतु पापली MIDI- EXEEEEEEEKS K

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