Book Title: Shatrunjay Tirthmala Ras ane Uddharadikno Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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(४) करथो ए, देहरो तिहां शुजनाव ॥ नमो ॥ बिंब पचवीश तिहां वंदीयें ए, नवोदधि तारण नाव ॥ नमो॥ ॥॥ पाठांतर ॥ संघवी हेमचंदने देहरे ए, तेत्रीश जिनवर छार ॥ न ॥ वंदी परमानंदयी ए, सफल करयो अवतार ॥ न ॥ पागल पांमव वंदीयें ए, पांच रह्या काउस्लग ॥ नमो ॥ कुंता माता द्रोपदी ए, गुणम णिनां ते वग्ग ॥ नमो ए ॥ खरतरवसहीनी बारीयें ए, पहेलुं शांतिनवन्न ॥ नमो० ॥ बहुतेर जिनशु वंदीये ए, चोवीश वहा त्रन ॥ नमो० ॥१०॥ पासें पास जिनेसरु ए, बेठा नुवन मकार ॥ नमो ॥ चो वीशवट्टो एक तेहमां ए, साधुमुद्रा दोय धार ॥ नमो० ॥११॥ तेहमां नंदीश्वर थापना ए, बावन जिन परी वार ॥ नमो ॥ अवधि आशातना टालीने ए, बिंब जंगण्यासी जुहार ॥ नमो० ॥ १२ ॥ एके जिन घरमां थापीया ए, सीमंधर जिनराय ॥ नमो ॥ प्रतिमा चारशुं वंदीयें ए, परिणति शुफ ठहराय ॥ नमो ॥ ॥ १६ ॥ त्रण |जनरायशुं जुवनमा ए, बेग श्रीअजित जिणंद ॥ नमो ॥ पासें मात चकेसरी ए, अष्टलुजा
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