Book Title: Shatrunjay Tirthmala Ras
Author(s): Nirnaysagar Press
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (३१) टो नावमां ॥ तुमे सेवो ए तीरथ तारुरे, जिम नप डो जवना दावमां ॥जलें ॥१॥ए घांकणी ॥ जग सघला तीरयनो नायक,हारे तुमे सेवो शिवसुख दायक रे ॥ नसें ॥२॥ ए गिरिराजने नयणे निहाली, हारे तुमे सेवो अवधि दोष टाली रे॥जलें ॥३॥ मुक्ता सोवन फूलें वधावो,हारे नमी पूजीने नावना नावो रे ॥ना॥४॥ कांकरे कांकरे सिह अनंता, हारे संनारो पानें चढंता रे ॥नलें ॥५॥ आदि अजित शांति गौत म केरा, पहेला पगनां पूजो जलेरा रे ॥ जलें ॥६॥ थागें धोली परब टुंके चढियें, तिहां नरतचक्री पद न मीयें रे ॥ नलें ॥ ७ ॥ नीली परब अंतराले आवे, हारे नेमी वरदत्त पगला शोहावे रे ॥ नलें ॥ ७॥ यादिशुन नमिकूम कुमारा, हिंगलाजहडे चढो प्या रा रे ॥ नसें ॥ ए॥ तिहां कलिकुंम नमी श्रीपास, हारे चढो मान मोडी नन्नास रे ॥नलें॥१॥ गुणवं तगिरिना गुणगाई, बाला कुंके विसमोनाई रेनलें ॥ ॥ ११ ॥ तिहाथी मकागाली पंथें धसी, प्रनु गढ दे खीने ननसीय रे ॥ नलें॥ १२ ॥ नमीये नारद थ इमत्तानी मूरति, वली साविड वारिखिन्न सुरतिरे ॥ जलें ॥ १३ ॥ तीरथनमी देखी सुख जागे, निरखो For Private and Personal Use Only

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