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(ए? ) सुगति वसावुरे सहजें हाथमां ॥ जागुं जागुं शे जानी हो जात्र, समकितधारी रे सामीनी साथमा ॥ ५ ॥ दादा मोरा सहज वलावे लोक, माडीनो जा यो रे साथें मोकलो॥ अगान चलावो हो श्राज, ख बर देवाने पंमयो खोखलो ॥ ६ ॥ पूरूं मारा मनडा ना कोड,हल हल करीने होंशें हालगुं ॥ लेवा लेवा मुगतिनी मोज,चोंप करीने रे पंथें चालशं ॥॥ एवो एवो करे हे बालोच, स्वामीनु तेथु रे थाव्युं ते स मे ॥ वोलावी दीधी ले तेने वेग, शेजेजे जश्ने ष नने ते नमे ॥ ॥ नांगी नांगी नवनी हो नख, गिरिवरियो देखीने मनडुं गहगर्दा ॥ वुग वुना दूधडे हो मेह,हर्षनेपूरे हैयडं हसी रह्यं ॥ए॥ जमडा तणुं तिहां नहीं हो जोर, जेणें प्रनु पूज्यां रे फुले फुटरें।
शुं करे तेहने हो रोग, अमीरस पीधो रे जे नरें धूं टडे ॥ १० ॥ देशमाहे ने शोरत देश, तीरथ माहे रे शेव॒जो तेम लहो ॥ हारमाहे हो हारमा नगीनो जेम, उदयरत्न कहे साचुं सहहो ॥ ११ ॥ इति ॥
॥ अथ पद ॥ ॥ नानिरायावशें वारु उदयो दिणंद,देवनो में देव
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