Book Title: Shatrunjay Tirthmala Ras
Author(s): Nirnaysagar Press
Publisher: Nirnaysagar Press
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घातक जेहोजी ॥ प्रतिमा आगें आलोचतां, बूटे तप करी एहोजी ॥ ॥ १ ॥ इति॥
॥ ढाल बही॥षन प्रनुजीयें ॥ ए देशी॥
॥ संप्रतिकालें शोलमो ए, ए वरते जे नदार ॥ श मुंजय यात्रा करूं ए, सफल करूं अवतार ॥॥१॥ बहरि पालतां चालीयें ए, शत्रुज केरी वाट ॥ पाली ताणे पोहोंचीय ए, संघ मल्या बहु थाट ॥॥॥ ललित सरोवर पेखीयें एवली सत्तानी वाव ॥ तिहां विसामो लीजीयें ए, वडने चोतरे आव ॥ श० ॥३॥ पालीताणे पावडी ए,वढीयें नठी प्रनात ॥ शेजी नदी सोहामणी ए, दूरथकी देखात ॥ श० ॥ ४ ॥ चढियें हिंगलाजने हडे ए कनिकुं नमी पास ॥ वारी मां हे पेशीय ए, बाणी अंग उल्लास ॥ श० ॥ ५॥ मरुदे वी टुक मनोहरु ए, गजचढी मरुदेवी माय ॥ शांतिना थजिन शोलमो ए. प्रणमीजें तमु पाय ॥ शमा ६ ॥ वंश पोरवाडें परगडो ए, सोमजी शाह मलार ॥ रूप जी संघवी करावीयो ए, चोमुख मूल नकार ॥ श॥ ॥७॥ श्री जिनराज मूरिसरू ए,खरतर गढ गणधार ॥ खहाथै जेणें प्रतिष्ठा करी ए, शुन दिवस शुन वार ॥शाजा चोमुख प्रतिमा चरचीयें ए,जमतीमांह नला
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