Book Title: Shatrunjay Tirthmala Ras
Author(s): Nirnaysagar Press
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 88
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (५) ॥अथ ॥ ॥ श्रचोवीशजिननां एकशोने वीश कल्याणिकनी तिथि प्रारंन ॥ ॥ तिहां प्रत्येक तीर्थकरनां पांच पांच कल्याणिक ने ते एकेका कल्याणिकने दिवसें गणणो गणाय ने ते भावी रीतें के जे दिवसें श्रीतीर्थकर परगतिथीच वीने माताना उदरने विषे थावे ते दिवसें चवन कल्याणिक कहेवाय ने तेवारें “ परमेष्टीनमः” एवो जाप जपाय ३ तथा जे दिवसें श्री तीर्थकरनुं जन्म थाय ने ते दिवसें जन्मकल्याणिक कहेवाय ने ते वारे "थर्हतेनमः" एवो जाप जपाय ले तथा जे दिवसें तीर्थकर दीक्षा लइ मुनिपणो धारण करे ले ते दिवसें दीक्षा कल्याणिक कहेवाय ले तेवारे "ना थायनमः” ए जाप जपाय बे तथा जे दिवसें श्रीती थकर नगवानने केवल ज्ञान उत्पन्न थाय ले तेदिव में संपूरण ज्ञान कल्याणिक कहेवाय ने तेवारें "सर्व शायनमः" ए जाप जपाय तथा जे दिवसें श्रीती थैकर नगवानने मोदनी प्राप्ति थायले ते दिवसें नि रवाण कल्याणिक कहेवाय जे तेवारें “पारंगतायन मः” ए जाप जपाय जे ए रीतें पांच कल्याणिक एके For Private and Personal Use Only

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