Book Title: Shatrunjay Tirthmala Ras
Author(s): Nirnaysagar Press
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 74
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (७१) सोनानां बिंब सारोजी॥ मूलगां बिंब मारीयां, प श्चिम दिशि तेणी वारोजी ॥ श०॥३॥ शत्रुजनो या त्रा करी, सफल कीयो अवतारोजी ॥ दंमवीर्य राजा त एणो. ए बीजो नहारोजी॥ श॥१॥ शो सागरोपम व्यतिकम्या, दमवीरजथो जेवारोजी॥ ईशाने करा वीयो, ए त्रीजो नहारोजी। श०॥ ५॥ चोथा देव लोकनो धणी, माहें नाम उदारोजी ॥ तिणें शत्रुज यनो करावीयो,ए चोथो नहारोजी॥श०॥६॥ पां चमा देवलोकनो धणी, ब्राँड समकित धारोजी॥ तिणें शत्रुजयनो करावीयो, ए पांचमो नहारोजी श० ॥७॥जवनपति इंड तणो कीयो,ए बहोना रोजी ॥ चक्रवर्ती सगर तणो कियो, ए सातमो नमा रोजी॥ श॥ ७॥अजिनंदन पासें सुण्यो,शत्रुजयनो अधिकारोजी॥ व्यंतरें करावीयो, ए आतमो नमा रोजी॥ श०॥॥ चंशन स्वामीनो पोतरो, चशे खरनाम मन्नारोजी॥ चंयश रायें करावीयो, ए न वमो नारोजी॥ श॥ १०॥ शांतिनाथनी सुणी देशना, शांतिनाथ सुत विचारोजी ॥ चक्रधर राय क रावीयो, ए दशमो नारोजी॥श० ॥ ११ ॥ दशरथ सुत जग दोपतो, मुनिसुव्रत सुवारोजी॥ श्रीरामचं For Private and Personal Use Only

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