Book Title: Shatrunjay Tirthmala Ras
Author(s): Nirnaysagar Press
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 46
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (५३) ॥ ढाल सातमी ॥ नरतनृप जावा ए॥ ए देशी॥ ॥ बीजो टुंक जुहारीयें ए, पावडीयें चढी जोय ॥ नमो गिरि राजने ए ॥ ए आंकणी ॥ पहेलांते अद बुद देखीने ए, मुज मन थचरिज होय ॥ नमो० ॥ ॥ १ ॥ तिहाथो बागल चालतां ए, देहरी एक निहा ल ॥ नमो॥ तेह नामे जर वंदीयें ए, पासजी शांति कृपाल ॥नमो॥॥ खोडीयार कुंमने उपरें ए.कीयो प्रासाद उत्तंग ॥नमो॥ संघवी प्रेमचंद लवजीयें ए, निजधन खरची उमंग ॥न॥३॥ गोख सटावट कोर गीए, नन्नत रचना जास ॥ न० ॥ ध्वज कलशे करी शोहतोए, दोपे जेम कैलाश ॥ न० ॥ ४ ॥ तपगह नायक दिनमणीए, विजय जिनेश सूरिंद ॥ न० ॥ अहाणु जिन परिवारलॅ ए, थाप्या पन जिणंद ॥ ॥ नमो० ॥ ५ ॥ संघवी प्रेमचंदें कयो ए, जिन मंदिर सुखकार ॥ नमो० ॥ सर्वतोनइ प्रासादमा ए, बिंब नवाणु सार ॥नमो॥६॥ शाहेमचंद लवजी कस्यो ए, देहरो तिहां गुननाव ॥ नमो० ॥ बिंब प चवीश तिहां वंदीयें ए, नवोदधी तारण नाव ॥नमो० ॥ ७॥ पानांतर ॥ संघवी हेमचंदने देहरे ए,तेत्रीश जि नवर वार ॥न॥ वंदी परमानंदथी ए, सफल कसो For Private and Personal Use Only

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