Book Title: Shatrunjay Tirthmala Ras
Author(s): Nirnaysagar Press
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 67
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ६४ ) १५ बोजा सर्व पर्वतोमां ए पर्वत राजा समानबे माटे (नगाहिरा के० ) नगाधिराज नाम जाणं. १६ ए पर्वतनी पुंठे कमलनी पेरें सहस्र टुंकडे माटे ( सहस्सकमलो के० ) सहस्र कमल नाम जाणवो. १७ ढंग नामे हुंकडे माटे ढंक गिरि नाम जाएं. १० कवड नामा यनुं देरासरखे माटे एनं (क उडिनिवासो के० ) कनडिनिवास एवं नाम जाणवुं. १७ लोहीतध्वज नामे पर्वत बे माटे एनुं ( लो हिच्चो के ० ) जोहितगिरि एवं नाम जाणवुं. २० तालध्वज नामे पर्वतले माटे एनुं ( तालनो के० ) तालध्वज एवं नाम जाणवुं. २१ अतीत चोवीसीमां निरवाणी नामा तीर्थकर ना कदंब नामे गणधर कोडी मुनि सायें या तीर्थनी टुंके सिद्धि वा माटे कदंबगिरि एवं नाम जाणवुं. ए एकवीरा नाम ते (सुरनरमुणिकय के ० ) देवता, मनुष्य तथा मुनिर्जना कस्या थका थयां करशे माटे ए तीरथ कूपन कूटादिकनी परें प्रायें शाश्वतोळे काजें करी वटवध थाय परंतु सर्वथानास न थाय (सो के० ) ते विमलगिरि तीर्थ (जय के० ) जयवंतो वर्त्तो. For Private and Personal Use Only

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