Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 1
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
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गन्धमातृ-गन्धर्वनगर, गन्धर्वपुर] शब्दरत्नमहोदधिः।
७४५ गन्धमातृ स्री. (गन्धस्य मातेव) पृथ्वी, भूमि. अद्भ्यो | गन्धमूषिक, गन्धमूषिका, गन्धमूषी पुं. (गन्धप्रधाना __ गन्धगुण । भूमिरित्येषा सृष्टिरादितः-मनु० १७८।। मूषिकः मूषिका वा) छ २, ७री. (स्री.) गन्धमाद पुं. राम.न. सैन्यमांनो त नामनी में वानर, | गन्दमृग पुं. (गन्धप्रधानो मृगः) उस्तूरीमो मृग. તે નામનો અમૂરનો એક ભાઈ.
गन्धमैथुन पुं. (गन्धेन गन्धघ्राणेन मैथुनं मैथुनारभ्भो गन्धमादन पुं. (गन्धेन मादयति मादि+ल्यु) ते. नामनो यस्य) ME, Aia, आपदो. पर्वत. (गन्धमायण वा गन्धमादण जै. प्रा.) यार | गन्धमोदन पुं. (गन्धेन मोदयति मुद्+णिच्+ल्यु) oius.
तमांनी ते. नामनी . पर्वत. -मलयो दर्दरश्चैव गन्धमोहिनी स्त्री. (गन्धेन मोहयति मुह+णिच्+णिनि महेन्द्रो गन्दमादनः-महा० २।१०।३० । (न.) गंधमान. ___+डीप्) यंानी ४जी. पर्वतम भाव ते नामन वन. (पं. गन्धेन | गन्धयुक्ति स्त्री. (गन्धानां गन्धद्रव्याणां युक्तिर्योजनविशेषः) मादयति मद+णिच+ल्यट) गंधमादन पर्वतमा सुगंधी द्रव्योने यो४वानो मे २. २.न. dial - गवो गवाक्षो गवयः शरभो
गन्धरस पुं. (गन्धयुक्तो रसोऽस्य) लोण, लो, गन्धमादनः-रामा०४।२५।३३। वह, मभरो, jus.
ससत्व. नमन. 64धातु. (पुं. द्वि. गन्धश्च रसश्च गन्धमादनी स्त्री. (गन्धेन माद्यतेऽनया मादि करणे
गन्धरसौ) गंध. अने. २. -न्यायोपेते ब्राह्मणेभ्यो यदन्नं ल्युट+ङीप्) महिए.
श्रद्धापूतं गन्धरसोपपन्नम्-महा० ५।२७।११। गन्दमादिन् त्रि. (गन्धेन मादयति मादि+णिनि) ठेनो.
गन्धरसाङ्गक पुं. (गन्धरसोऽङ्गे यस्य कप्) श्रीवेष्टन ગંધ મદ પમાડે છે તે.
નામનું એક સુગંધી દ્રવ્ય गन्धमादिनी स्त्री. (गन्धेन मादयति मादि+णिनि ङीप्)
गन्धरसाङ्क पुं. (गन्धानां गन्धयुक्तानां राजा टच् समा.) दा, भुरा नामर्नु मे द्रव्य, महिरा.
મુદ્ગરવૃક્ષ, તે નામે એક ફૂલઝાડ, એક જાતનો गन्धमार्जार पुं. (गन्धप्रधानः मार्जारः) मे तनो
गुगण, वाहनामर्नु अ. धद्रव्य. न. त्रि. गन्धेन लिया.
राजते राज+अच्) यंहन, २305 श्रेष्ठ ध. द्रव्य. गन्धमालती स्त्री. (गन्धेन मालतीव) ते नामनी में
गन्धराजी स्त्री. (गन्धराज स्त्रियां डीप्) सुगंधी द्रव्य
नमो सुगंधी वेदो -गन्धकोकिलया तुलया विज्ञेया
गन्धर्व पुं. (गन्धमामोदमर्वति अ+अच्) चौ32, अस्तूरी गन्धमालती-भावप्र० ।। गन्धमालिनी स्त्री. (गन्धमालाऽस्त्यस्या इनि ङीप्) भु२८
મૃગ, જન્મ અને મરણની વચમાં થનાર આત્મા, ગુપ્ત નામનું એક સુગંધી દ્રવ્ય.
uel, हैवीन गवैयो -भ्रातरौ स्वरसम्पन्नौ गन्धर्वाविव
रूपिणौ - रामा० १।४।११। विगए -हाहा हूहूश्चित्ररथो गन्धमुखा स्त्री. (गन्धो मुखेऽस्याः) छछूरी.
हंसो विश्वावसुस्तथा, गोमायुस्तुम्बुरुर्नन्दि-रेवमाद्याश्च ते गन्धमुखी स्री. (गन्धो मुखेऽस्याः) सुगंधी भुजवाणी
स्मृताः -जटाधरः । उ२९धारी यंद्र सूर्य कोरे, ते. नामे. ओई स्त्री.
में 2, सूर्य, चंद्र, शिव, य-विशेष- नृत्यन् वा गन्धमुण्ड स्त्री. (गन्धं मुण्डयति मुण्डं तत् करोति
प्रहसति चारु चाल्पशब्दं गन्धर्वग्रहपरिपीडितो मनुष्यः_णिच्) प्रसा२७नो वक्षो.
सुश्रुते । ओयद पक्षी, uन मनुष्य, पो. , गन्धमूल पुं. (गन्धप्रधानं मूलामस्य) दुवं०४. वृक्ष,
905lk 13, २32. (त्रि. गन्ध्+अ+अच्) ना२ सखी-स३ वृक्ष, ज्यूरो.
२ . गन्धमूलक पुं. (गन्धमूल+कन्) माही नामनी. वनस्पति,
गन्धर्वतैल न. उयुं, -गन्धर्वतैलसिद्धां हरीतकी मला १६२, यूरो. वनस्पति.
__गोऽम्बुना पिबेत्- भावप्र० । गन्धमूला, गन्धमूलिका स्त्री. (गन्धमूल स्त्रियां टाप् ।
| गन्धर्वतैल न उयु- गन्धर्वतैलसिद्धां हरीतकी गन्धमूल इक+टाप्) यूरो वनस्पति, MicL , गोऽम्बुना पिबेत्- भावप्र० । सोलान, 3, २२२ना.
गन्धर्वनगर, गन्धर्वपुर न. (गन्धर्वाणां नगरम्) 2050wi गन्धमूली स्त्री. (गन्धमूल+जातित्वात् ङीष्) भा४४.
ઉત્પન્ન થયેલ અનિષ્ટ સૂચક શહેર, કાલ્પનિક નગર, વનસ્પતિ, કચૂરો વનસ્પતિ.
ગન્ધર્વ દેવ જાતિનું શહેર.
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