Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 1
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
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गल-गलौघ] शब्दरत्नमहोदधिः।
७५५ ॐ२, 2५४, mj -विद्यां प्रमादगलितामिव । तनो dumalनो रोग -तालूदरं वस्ति शीर्ष चिन्तयामि-चौर० ।
चिबुके गलशुण्डिके -याज्ञ० ३।९८ । गल पुं. (गलति भक्षयत्यनेन गल भक्षे अच्) गणु, - | गलस्तन पुं. (गले स्तन इव) ५.४२iने गणे. २३सो
न गरलं गले कस्तूरीयम्-भर्तृ० १।६४, ६४, २०, स्तन.२ मे. मांसपिए -अजागलस्तनस्येव तस्य એક જાતનું બરૂ, એક જાતનું વાર્દેિત્ર, એક જાતનું जन्म निरर्थकम्-हितो० भा७j, होरी.
गल(ले)स्तनी स्त्री. (गले स्तनौ यस्याः) 40.. गलक पुं. (गल+क) .5 तर्नु भा यु.. गलहस्त पुं. (गले न्यस्तो हस्तः) इन 5ढी भूचा गलकम्बल पुं. (गले कम्बल इव) ॥य, मह वगेरेन । माटे गणे. डाय भू.वो त, थे. गणु ५४७ , (पुं.) ગળે લટકતી ચામડાની ગોદડી, સાસ્ના.
એક જાતનું અર્ધ ચન્દ્રાકાર બાણ. गलगण्ड पुं. (गले गण्ड इव) मे तनो पानी | गलहस्ता स्त्री. (गलहस्त+टाप्) tणु नसोत२. रोग, 36भ७, ८.२.
गलहस्तित त्रि. (गलहस्त+इतच्) 50ढी. भू भाटे गलगण्डिका स्त्री. (गले गण्डिका) ५30..
પાછળથી જેના ગળે હાથ મૂક્યો હોય તે, ગળું गलग्रह पुं. (गलग्रह + अच्) ६५५क्षम योथ, सातम., |
પકડીને કાઢેલ. 16म, नीम, ते२स, यौहस, समास. तथा ५७वो मे | गला स्त्री. (गलति गल्+अच्) सामान दो. 06 मनध्यायन। हवसो -कृष्णपक्षे चतुर्थी च | गलाङ्कुर पुं. (गले अङ्कुर इव) रोडिए मनो. सप्तम्यादिदिनत्रयम् । त्रयोदशीचतुष्कं च अष्टावेते
में तनो नो. २. - गलोपरोधकरैस्तथाङ्कुरैगलग्रहाः ।। -मदनरत्ने नारदः । ॥७८iनामi.
__निहन्त्यसून व्याधिरयं च रोहिणी- माधवाकरः । २सो sial.
गलानिल पुं. (गलेऽनिलो वायुरस्य) मे तनु भा . गलत् त्रि. (गल्+ शतृ) नीथे. ५.उतुं, १५४, रतुं.
गलि पुं. (गिरति श्रमेण विना केवलं भक्षयति गर्+ इन् गलत्कुष्ट न. ८. ॐ२तो. मे. ५.१२नो ओढनी. २.
रस्य ल:) गणियो मह, सामथ्यहोवा छत मा२ गलन न. (गल+ल्युट) B२j, 2५.j, मागणी ४j,
नही 2500 मासु, पण. (स्त्री. गल+इन्) नाये ५७, अम. (त्रि. गल् स्वयंपतने कतरि
सता, वेद..
गलित त्रि. (गल्+क्त) ५3, ॐ२८, ८५.४८, परेवल्यु.) झरना२, ८५.४।२.
गलितवयसामिक्ष्वाकूणामिदं हि कुलव्रतम्-रघु., - गलनीय त्रि. (गल्+अनीयर) गणवा योग्य, ८५.54
निगमकल्पतरोर्गलितं फलं शुकमुखादमृतद्रवसंयुतम्योग्य.
भाग० १११।३ । गलन्तिका, गलन्ती स्त्री. (गल्+शतृ-ङीप् अल्पार्थे
गलितक पुं. (गलित इव कायति कै+क) 2. तनु कन) पाएाना गणता, ना जारी -प्रपा कायो
नाटय-नाय. च वैशाखे देवे देया गलन्तिका काशीखण्डे अ. ५. ।
गलितकुष्ठ न. सीडी अरतो ओढ रोय. गलमेखला स्त्री. (गलस्य मेखलेव) मा ५२वानो
गलु स्त्री. (गलतीति गल+ उन) मे. तनु, रत्नमाला. દોરો, એક જાતનું કંઠભૂષણ.
गलेगण्ड पुं. (गलेगण्ड इव यस्य) मे गलवार्त्त त्रि. (गले गलव्यापारे यथेष्टभोजनादौ वार्त्तः
तनुं ५क्ष...
गलेचोपक त्रि. (गले चुप्यतेऽसौ चुप् नि० कर्मणि निरामयः) ६२७ भु४७ मो४न ४२. 3 ते निरामय
___ण्वुल्) 6witua योग्य. -दृश्यन्ते चैव तीर्थेषु गलवार्ता तपस्विनः-पञ्च० ३.। गलविद्रधि पु. में oldai ani bu.
गलोड्य न. (गलेन लोड्य: पृषो० ललोपः) में
तनु धान्य. गलवत पुं. (गरो गरणं सर्पभक्षणं व्रतमस्य रस्य लः)
गलोद्देश पुं. (गलस्य उद्देशः समीपम्) २५0-0 सेनो. मयूर, भोर.
सवयव. गलव्रती स्त्री. (गलव्रत+ङीष्) मयूरी, ढेस..
गलोद्भव पुं. (गले अश्वगलदेशे उद्भवति उद्भू+अच्) गलशुण्डिका, गलशुण्डी स्त्री. (अल्पा शुण्डा कन् | ઘોડાને ગળે થનારું રુવાંટાનું ગોળાકાર ચિલ.
शुण्डिका गले शुण्डिकेव । गले शुण्डीव) ५30(म, गलौघ पुं. (गले ओघ इव) मे तनो गानो .
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