Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 1
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad

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Page 818
________________ ७७१ गुत्थक-गुप्तचर शब्दरत्नमहोदधिः। गुत्थक न. (गुच्छेन कायति कै+क पृषौ०) अन्थिए । गुन्दल पुं. (गुभित्यव्यक्तशब्देन दल्यतेऽसौ दल+णिच् નામનું એક પ્રકારનું વૃક્ષ. कर्मणि अच्) मृदृ। वगैरे वाचन नि.. गुत्स, गुच्छ पुं. (गुध+स किच्च) Meal 6५२ गुन्द्र पुं. (गुद्रि कर्मणि अच्) (स.31, २२. नामर्नु तृए. આવેલી કળી, ગોટો, ગુચ્છો, સુગંધી વનસ્પતિ -गुन्द्रान् दग्ध्वा कृतं भस्म हरितालं मनःशिलाअन्थि५५. भावप्र० । गुत्सक, गुच्छक पुं. (गुत्स+स्वार्थादौ क) यमरी, गुन्द्रमूला स्री. (गुन्द्रस्य मूलमिव मूलमस्याः) मे२४८ oilet, अच्छी, मj, अंथनो परिच्छे. નામનું ઘાસ, ચીયો ઘાસ. गुद् (भ्वा. आत्म. अक. सेट-गोदति) 8131 ४२वी, गुन्द्रला स्री. (गुन्द्र लाति ला+क) 20२ ५६.. म. गुन्द्रा स्री. (गुन्द्र+अच्+टाप्) में तनी भोथ, प्रियं गुर न., गुदा स्त्री. (गुद्+क । गुद् + अच्+टाप्) वृक्ष, गवेधुका श०६ मी, २७ नमर्नु घास.. મળત્યાગ કરવાનું દ્વાર, ગુદા. __ ग्रहपीडाहरा गुन्द्रा गरघ्नी ज्ञानवत्सला- काशीखण्डे गुदकील, गुदकीलक पुं. (गुदे कील इव) ४२सनो २९१५४। रो आनाहमेदो गुदकीलहिक्का श्वासापहः शोणितपित्त गुन्द्राल पुं. (गुन्द्रा+ला+क) यो२ ५६८.. कृच्चसुश्रुते ४६ अ० । गुप् (भ्वा. सक० आ० सेट-गोपते) संताउj, छार्नु गुदग्रह पुं. (गुदं तद्व्यापारं गृह्णाति ग्रह+अच्) 60वत. २म, 645. भावो, Qिt२. (भ्वा. पर सेट નામનો રોગ, આમવાયુ. गोपायति) २क्षए। ४२, ५.यावj. -गोपयन्ति कुलत्रिय गुदजघ्न पुं. (गुदर्ज हन्ति) 53j सू२९.. आत्मानम्-महा०, -जुगोपात्मानमत्रस्तः-रघु०१।२१, गुदपरिणद्ध पुं. ते. नामाना मे ऋषि. गुदपाक पुं. (गुदस्य पाकः) । वगैरेन। रोगथी. (दिवा. पर. सेट-गुप्यति) (म.२थj, व्याज ગુદાનું પાકી જવું તે. थj, शम२६ ४. (चुरा. उम. अ. सेट-गोपायति, गुदभ्रंश पुं. (गुदस्य भ्रंशो यस्मात्) मे तनो रोग, गोपयते) मास, ६५, ५श -किं हेभ गुहानी मुखडा. 1२ 11.30जी५3 . - गुदभ्रंशे वक्षश्चरणा तव्यतिकरव्याजेन गोपायते-अमरु० २२. । गुदं खिन्नं स्नेहेनाक्तं प्रवेशयेत् । प्रविष्ठं रोधयेद् (त्रि. गुप्+क्विप्) २६७॥ ४२४२. यत्नाद् गव्यसच्छिद्रचर्मणा ।। -चरके १०. अ० । गुपिल पुं. (गुप्+इलच् किच्च) २०%1, भू५. (त्रि.) गुदरोग पुं. गुहनो मे 4.5२नो रोना. રક્ષણ કરનાર. गुदवर्त्मन् न. (गुदरूपं वर्त्म) मणने नाणवानुं गुहादा२. गुप्त त्रि. (गुप्+क्त) रक्षा ४२j, रक्षेदु -यदाश्रौषं गुदस्तम्भ पुं. (गुदस्य स्तम्भः) ते. नामनी से रोग ___व्यूह- मभेद्यमन्यैर्भारद्वाजेनात्तशस्त्रेण गुप्तम्-महा० જેથી ગુદા મળત્યાગનું કામ કરી શકતી નથી. १।१।१८८, संता3j, छार्नु, रा.. (पुं.) सङ्गर श६ गुदाकुर पुं. (गुदेऽङ्कुर इव) ४२सनो रोग, भूत शुभो, वैश्यना संशu -गुप्त-दासात्मकं नाम प्रशस्तं વ્યાધિ. वैश्य-शूद्रयोः । म यंद्रगुप्त, समुद्रगुप्त कोरे, गुदौष्ठ पुं. (गुदस्य ओष्ठ इव) गुहानी मे. अवयव. ५२मेश्व.२. गुद्र (चुरा. उभय. सक. सेट इदित् -गुन्द्रयति) दूई गुप्तक पुं. ४यद्रथ. २०%नो मे सेनापति, संधा२४, बोलj, मिथ्या ४३. प्र२क्ष. गुध (क्या. पर. सक. सेट-गुध्नाति) गुस्से. थ, विष्ट गुप्तगति पुं. (गुप्ता गतिर्यस्य) गुप्तय२, गूढयार, थ, (दिवा. पर. सक. सेट- गुध्यति) वी2j, छुपी पोलीस., गुप्त सूस.. (स्री. गुप्ता गतिः) २. (भ्वा. अ. अक. सेट-गोधते) २य, 81.30 । पी. ति, छानी गति. ४२वी, सवं. गुप्तचर पुं. (गुप्तश्चरो यस्य) मद्र, (त्रि. छूपी. .ते. गुधित त्रि. (गुध्+क्त) धे३j, वी20. दा... दूत भोसना२. (पुं. गुप्तश्वासौ चरश्च) गुप्त दूत, गुधेर त्रि. (गुध वेष्टने एरक्) च्यावना२, २३९८ ४२॥२. छन. पातमी. वना२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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