Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 1
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
View full book text ________________
___सोटवानी पथ्य२.
गृहयाय्य-गृह शब्दरत्नमहोदधिः।
७७९ गृहयाय्य पुं. (गृहे आय्यः) स्थ, घ२५७, स्वामी. | गृहार्थ पुं. (गृहे निष्पाद्योऽर्थः) घरनु म.51%8- गृहार्थोऽगृहयालु त्रि. (गृह+आलुच्) सना२, ३९॥ ४२८२, | ग्निपरिष्क्रिया-मनु० २।६७ ।
देवानी भ२७ २॥णना२, ५.७७वानी. .२७ २मनार. | गृहावग्रहणी स्त्री. (गृहमवगृह्यतेऽनेन अव+ग्रह+करणे गृहवत् त्रि. (गृह+मतुप्) घराणु, स्त्रीवाणु, मुटुंसवाj. ल्युट ङीष्) घरन 34. गृहवाटिका स्त्री. (गृहसमीपे वाटिका) घनी पासैनी गृहाशया स्त्री. (गृहे इव छायायुक्तस्थाने आशेते બગીચો
शी+अच्+टाप्) तमन्नो वेदो, नावेद. गृहवारि न. (गृहस्य वारि) घरनु, ५५, घरभाना | गृहाश्मन् पुं. (गृहस्थितः अश्मा) घरभ 55 42वानी
ટાંકાનું પાણી. गृहवित्त त्रि. (गृहं वित्तमस्य) घरनो भासि..
गृहाश्रम पुं. (गृहमेवाश्रमः गृह+आश्रमः) स्थाश्रम, गृहव्यापार पुं. (गृहस्य व्यापारः) घर- 50.51°४, ५२नो
- ઘરરૂપ આશ્રમ, ગૃહસ્થોનો ધર્મ. ___व्यवहार.
गृहाश्रमिन् पुं. (गृहाश्रम+णिनि) गृहस्थ. गृहसंवेशक पुं. (गृहं गृहनिर्माणं संविशति उपजीवति
गृहासक्त त्रि. (गृहे आसक्तः) घरमां. स.5त, धरना सम्+विश्+ण्वुल्) ५२ जनावी आवि.२.६वना२,
કામકાજમાં ગૂંથાયેલ, ઘરમાં રહેલ પક્ષી. મૃગ વગેરે. स्थति, वास्तुविशथी. 941२. -गृहसंवेशको दूतो
गृहिणी स्त्री. (गृह+इनि) पत्नी, स्वस्त्र., घ२वी , - वृक्षारोपक एव च-मनु० ।
यान्त्येनं गृहिणीपदं युवतयो वामाः कुलस्याधः -श०
४।१७, गुडभमां दुशण स्त्री. - गृहिणी सचिवः गृहस्थ पुं. (गृहेषु दारेषु तिष्ठति अभिरमते स्था+क)
सखी मिथः प्रियशिष्या ललिते कलाविधी -रघ० स्थाश्रमी पुरूष -संकटा ह्याहिताग्नीनां प्रत्यवायै
८।६७; -गृहं तु गृहिणीहीनं कान्तारादतिरिच्यते - गृहस्थता-उत्तर० १९ ।
पञ्च० ४८१ । गृहस्थधर्म पुं. (गृहस्थानां धर्मः) स्थनो ५८,
गृहिन् पुं. (गृहं भार्या विद्यतेऽस्य इनि) गृहस्थ, ગૃહસ્થાશ્રમીનો ધર્મ.
स्थाश्रमी स्वामी.. -पीड्यन्ते गृहिणः कथं नु गृहस्थाश्रम पुं. (गृहस्थस्याश्रमः) डस्थे. ४२वानो धर्म,
तनयाविश्लेषदुःखैर्नवैः -श० ४।५ । ચાર આશ્રમ પૈકી બીજો આશ્રમ.
गृहीत त्रि. (ग्रह+कर्मणि क्त) प्र. ४२८, ५.53, गृहस्थूण न. (गृहस्थ गृहालम्बना स्थूणा समासे क्लीबता)
स्वीर शेख, मेवेस. (न. ग्रह +भावे क्त) ગૃહસ્થંભ, ઘરના આધારરૂપ થાંભલો.
अ. ४२ -गृहीत इव केशेषु मृत्युना धर्ममाचरेत्गृहाक्ष पुं. (गृहस्याक्षीव षच् समा.) , भारी.
हितो० १३ । ५.७७, स्वी5t२j, Guj, भगवj. गृहागत पुं. (गृहमागतः आ+गम्+क्त) घे२ भावेद,
| गृहीतगर्भा स्त्री. (गृहीतो गर्भो यया) सामा स्त्री. अतिथि-परो -नाहं गृहागतं हन्मि -हितो० (त्रि.)
गृहीतदिश् त्रि. (गृहीता दिक् येन) नासी गयेस, ઘેર આવેલ.
પલાયન કરી ગયેલ, ભાગી ગયેલ, અદશ્ય થયેલ. गृहाधिप पुं. (गृहस्य अधिपः) घरनो भula.s, शिनो | गृहीतविद्य पुं. (गृहीता विद्या येन) विद्या भारत, स्वामी, गृहस्थ.
मोj, जे. गृहाभिपालिन् पुं. (गृहमभिपालयति-णिनि) घरनो. | गृहीतवेतन त्रि. (गृहीतं वेतनं येन) 8. ५॥२. दाधी २५वाण, घरनी २क्ष, योडीहा२.
डोय ते. गृहाम्ल न. (गृहस्थितमम्लम्) -योजाना 400 गृहीतिन् त्रि. (गृहीत इनि, स्त्री. नी) . Alp.२थी. si७.
05 वात. सम दी. डोय. ते.. -गृहीति षट्स्व ङ्गेषुगृहायनिक (गृहरूपमयनं विद्यतेऽस्य गृहायन+ठक्) दश० १२० । हस्थ.
गृहीत्वा अव्य. (गृह्+क्त्वा) ॥ शन, थोमीन, गृहाराम पुं. (गृहसमीपे आरामः) घरनी. सेना 400यो. ५४ीन, बीन. गृहालिका स्त्री. (गृहे आलिरिव कायति कै+क) गरोजी. | गृहु त्रि. (गृह+कु) AL. 5२४२.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864