Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak

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Page 8
________________ ( ४ ) ॥श्रीः॥ विज्ञानरश्मिचय रज्जित पक्षपाता पतित सहृदय हृदयाब्जमुकुल विस्फार लब्धयथार्थ नाम, मिथ्यातिमिर नाशकमेतत् पुस्तकजैन धर्मभाषानिवन्धललाम सारगर्भितञ्च उपक्रमोपसंहार पूर्वकं सर्वम् मयावलोकितम् । __इति प्रमाणीकरोति। लाहौर डी०ए०वी० कालेज प्रोफेसर। पण्डित राधाप्रसाद शर्मा शास्त्री । यन्निर्मात्री .. सुगृहीतनाम धेयासती बालब्रह्मचारिणीश्रीमती पार्वतीदेवी, सम्भाव्यतेच, यत्

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