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सर्वार्थ
वच
टीका
निरुक्तिमै व्यभिचार आवै तहां न्यारा लक्षण कह्या चाहिये । यातें दर्शन नाम देखनेका प्रधान है । तातें श्रद्धानार्थके निमित्त लक्षण न्यारा कह्या । बहुरि ज्ञानविर्षे निरुक्तिही” अर्थ अव्यभिचारी है, ताते लक्षण न्यारा न कह्या ऐसा आशय है ॥
आगें कहै हैं, जो पूर्वै कह्या था, जो, प्रमाणनयकरि अधिगम होय है । तहां केई तौ ज्ञानकू प्रमाण मानै हैं । केई सिद्धि | सन्निकर्षकू प्रमाण मान है । केई इंद्रियकं प्रमाण कहै हैं । यात अधिकारमैं लीये जे मत्यादि ज्ञान तिनिकै प्रमाणपणाके
प्रगट करनेकै अर्थि सूत्र कहै हैंम.
॥ तत्प्रमाणे ॥ १०॥ याका अर्थ- तत कहिये पर्वे कहे जे पांच ज्ञान ते दोय प्रमाण है । इहां तत् शब्द है सो अन्यवादी सन्निकर्ष तथा इंद्रियकुं प्रमाण कल्पै हैं ताके निषेधके अर्थ है । तत् कहिये सो मत्यादिक ज्ञान कहे सोई प्रमाण हैं । अन्य नांही है । इहां अन्यवादी पूछै जो, सन्निकर्प तथा इंद्रियकू प्रमाण मानिये तो दोष कहां ? ताकू कहिये हैं, जो, सन्निकर्पकू प्रमाण मानिये तो सूक्ष्म अंतरित विप्रकृष्ट जो परमाणू रामरावणादिक, मेरुपर्वतादिक पदार्थ है तिनिका प्रमाणविर्षे अग्रहणका प्रसंग आवै । ते पदार्थ इंद्रियनितें सन्निकर्प होय नाहीं । याही सर्वज्ञका अभाव आवै । ऐसेंही इंद्रियकू प्रमाण मानिये तो येही दोप आवै । जातें नेत्रादिकका अल्पविपय है । तथा ज्ञेय अनंत है । तथा सर्वही इंद्रियनिके सन्निकर्ष भी नांही है । नेत्र अर मनकै प्राप्यकारी कहिये पदार्थनिका प्राप्त होनेका अभाव है। अप्राप्यकारी है ताका वर्णन आगै करसी ॥ ____ इहां अन्यवादी कहै हैं, जो तुमनें ज्ञानकू प्रमाण कह्या, तो याका फलका अभाव आवैगा । बहुरि प्रमाणका फल चाहियेही । बहुरि हम कहै हैं तहां फल का सद्भाव नीकै बणै है । जो सन्निकर्ष तथा इंद्रिय तौ प्रमाण है अरु यात अर्थका ज्ञान हो है सो प्रमाणते जुदा फल हो है, यह कहना युक्त है । ताकू कहिये, जो तें कह्या सो अयुक्त है। जातें जो सन्निकर्पप्रमाण होय अर्थका ज्ञान फल होय तौ प्रमाता अर प्रमेय जो अर्थ ते दोऊ भिडिजाय, तव सन्निकर्प होय है । सो याका फल जो अर्थका ज्ञान, सो प्रमाताकै अरु प्रमेय पदार्थकै दोऊनिकै हुवा चाहिये । ऐसे होते अन्यपदार्थकै भी अर्थका ज्ञानकी प्राप्ति आवै है । बहुरि वे कहै, जो, अर्थका ज्ञान तौ चेतन जो आत्मा ताकै होय। है । अन्य जडके कैसे होय ? तो वाकू कहिये, आत्माकू ज्ञानस्वभाव तो तू मानै नांही । अरु समवायतें चेतन मान है,