Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 224
________________ तरंगलाला २०९ अभिगय-जीवाजीवा १६३६ अभिनिकखंता खता १६०१ अभिवायण-कय-पूओ ७३४ अमर नर-जक्ख ° ११८१ अम्माए तओ भणियं ४१९ अम्माए ताएण ७३३ अम्माए विण्णविओ १७३ अम्मा-कहिए नायम्मि ४२३ अम्मा-पिई हिं सहिया ४६७ अम्मा-पिऊहि (?) समं ५८७ अम्मा-पिऊहिं १५७४ अम्मा-पियरो भाउय ° १५८० अम्मा भणइ विसण्णा ४०६ अम्मा-सा सूय य १२२५ अम्हं अणुग्गहत्थं १०७६ अम्हं तं मण-चोरो ९६२ अम्हं दो-वि कुल-घरा १२४७ अम्हं पि भागधेज्जेहिं ८१३ अम्हं विम्हय-हेऊ १५४ अम्हे य मिरिक्खंतो ९८९ अम्हे लट्टत्तण १०९९ अम्हे वि पडिदारम्ति ४८७ अम्हेहिं नेच्छिय १०४७ अरि-मित्तोदासीणेण ९७८ । अरूय(१)-रूय-लायण्ण° ९५३ अवगय-माण-कोहो १५०६ (तत्थ) अवगाहिऊण १०९४ अवयरिऊण य तो ह ३८० अवयासिया य ६३७ अवयासेऊण पिय ९०८ अवयासेऊण य णं (१) ७५१ अवयासेऊण य मं १७० अवसर अकाल ° ७०६ अवि कुसलं सत्थाहो ११२५ अवि नाम चक्कावाओ ५८२ अवियण्हुम्माहिय ८९५ अवि हं देह-विवत्ती० ९२२ अवेयबिंदु अंजण ° १०५. अव्वत्तय-मंजुलय ११३ अव्वीकणे (?) य अहं ६३६ असण-कय कण्णपूरे १०८५ असमिक्खिय-तुरिय ० ७७८ असि-लट्ठिए १४४२ असि-सत्ति-कंड ° ९४४ अह अण्णया कयाई १३२ ,, ,, कयाई ३१५ " " " १३९७ " " " १४६। अह अम्हे संभंता १२२३ अह एइ सो वणयरो ३६० अह एवं अम्हाणं १०५० . अह घरिणि पत्तयं ७५० अह चिय हु अहं ८८१ अह जई विन तं ३९४ अह तत्थ नियच्छ।मो ८६० अह तत्थ समण ° १६१० अह तं धम्म-गुण-निहिं १३०९ अह ताओ करमरीओ १०४१ अह ताव ववगय-भओ ८७१ अह ताहिं पुच्छिया ८२ अह तिमिर-निवह-सामा १०५१ अह तेण य उड्डीणा १४०५ अह तेहिं पुच्छिया १०८६ अह धोय-हत्थ-मुहया ११५१ अह नियओ गह ° १२८३ अह पणभिऊण ११३९ अह पुण एव भणंतिं ७७३ अह पुण संसार ° ८० अह भणई चेडिया ८२५ ,, तकरो १०६७ ,,, पिययमो ८३६ अह भणति पुणो ८२६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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