Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 279
________________ २६४ तरंगलौला ५१५.१. ° खारदुमाणं ५२३.१. जइ लइ ५२३.२. चिणिएण ५२१.१. इह मे ५२५.१. एयइ ५३०... निश्च आयंबविपुलो ३५१.२. हासन्नमुहपउता ५३३.२. इयम्वेवी ५३१.२. ते संपरमाणा ५३५.१. आससु ५३६.१. भणिति ५३८.२. लव्व जहा ५४०.१. दूसम-थयेरिमाण्य ५४०.२. चित्तपइयन्ते ५४१.१. अरविंदचंदाणा ५४५.१. दिट्ठ ५४६.२. तरुणाण ५४७१. मातुड ५४७.२. साविणि ५४८.१. • मतितीण ५४९.१. दट्टुत्ति जे ५५०.१. कहेत ५५०.२. उजायग. ५५२.१. • पडिजमणबिलक्ख ५५२.२. अच्चा मि; आणाए नयी ५५४.१. अरविंद ० । ५५९.२. इहमो . ५५१... निण्णपच्छियआसंसत्त्वत्त. विन्तरथु(वु?)भियजला ५६२.१. ° सराबेहल ५६६.१. ° संभ(रु ?)यसरीरो ५७०.१. °ठाणाट्टिया ५७२.२. कणियंगरुइ पडता उक्क व पमुक्क ५७३.१. कामिज्जतो ५७६.१. दाविजणदाण ५७६.२. चित्थाण ५७७.१. इन्तकेऊ ससत्ति ५८०.१. जाणियच्छेहि ५८०.२. का ५८२.२. अणुग्गहिया ५८४.२. ° रद्धकतो ५८५.१. ° सरदीविए ५८५.२. सहयरिण कच्छच्छमि ५८६.१. ० तरंगारंगिणी ५८६.२. विहगंगाशु द्धरि; वराहामि . ५८८.२ निययव(घ)स्सयवं(?) मसव्वंगो ५८९.२ जए ति ५९०.१. जेहि सो ५९४.२.. मयाणं ५९६.२. दुक्कणसूरियमणा ५९८.१. पइज्णा; माणं पि ५९८.२. पत्थयव्वा ५९९.२. माणुस्सहि ६०१.१. • मध्पणा वा ६०१.२. नाणामि ६०४.१. देवी उत्तु ६०४.२. अच्छाहिं ६०८.१. • पासंति ६०८.२. नयणे ६१४.२. कमारीए ६१५.२. ० ददव्वा ६२१.१. जणं नियधरं ६२४.१. परत. ६२४.२. कुसुम ६२५.१. उइय ६२५.२. वयण ६२९.२. बालवट्टपिय . ६३०.१. रागरो ६३२.१. समुसाय ६३२..२ एहिडई ६३३.२. ° गुणसंताहस्स Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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